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भारतीय रेलवे ने वंदे भारत और गतिमान एक्सप्रेस की सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं.
Indian Railway News: आरामदायक सफर और मंजिल तक जल्द से जल्द पहुंचना अब और भी आसान हो गया है. देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन एक बार फिर पटरियों पर आ गई है. भारतीय रेलवे ने वंदे भारत और गतिमान एक्सप्रेस की सेवाएं फिर से शुरू कर दी हैं. इंडियन रेलवे ने नई दिल्ली-श्री माता वैष्णो देवी कटरा- नई दिल्ली वंदे भारत एक्सप्रेस और हजरत निजामुद्दीन-झांसी-हजरत निजामुद्दीन गतिमान एक्सप्रेस को बहाल कर दिया है और ये 21 जुलाई से पटरियों पर दौड़ रही हैं. ट्रेन नंबर 22439 नई दिल्ली से कटरा जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर 22440 कटरा से नई दिल्ली आने वाली गतिमान एक्सप्रेस मंगलवार को छोड़कर शेष दिन चलेगी. वहीं हजरत निजामु्द्दीन से झांसी जाने वाली ट्रेन 12050 गतिमान एक्सप्रेस और झांसी से हजरत निजामुद्दीन आने वाली ट्रेन 12049 गतिमान एक्सप्रेस शुक्रवार को छोड़कर हफ्ते के शेष सभी दिन चलेगी.
10 अतिरिक्त वंदे भारत एक्सप्रेस की है योजना
इंडिनय एक्सप्रेस ने कुछ दिनों पहले खबर दी थी कि भारतीय रेलवे कम से कम 10 नई स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस को चलाने की योजना बना रहा है. ये ट्रेनें देश भर के करीब 40 शहरों को आपस में जोड़ेंगी. इस साल फरवरी 2021 में मेधा के साथ 44 वंदे भारत ट्रेन सेट्स के लिए इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स की आपूर्ति करने का कांट्रैक्ट किया गया. अब इस इंजीनियरिंग कंपनी से कहा है कि वह अपने प्रोडक्शन प्लान में तेजी लाए ताकि कम से कम दो प्रोटोटाइप ट्रेन सेट्स को अगले साल मार्च तक शुरू किया जा सके. कांट्रैक्ट में वंदे भारत ट्रेन को पास करने के लिए टेस्टिंग व ट्रायल्स के अलावा एक और शर्त जोड़ी गई है कि प्रोटोटाइप ट्रेन को कम से कम 1 लाख किमी की कॉमर्शियल यात्रा यात्रियों के साथ पूरी करनी होगी तभी प्रोडक्शन के लिए लॉट ऑर्डर किया जाएगा.
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इस समय दो वंदे भारत ट्रेनें दौड़ रही पटरियों पर
मौजूदा समय की बात करें तो पटरियों पर दो स्वदेशी सेमी-हाई स्पीड वेंदे भारत ट्रेन्स पटरियों पर दौड़ रही हैं. इसमें से एक दिल्ली से कटरा के बीच और दूसरी दिल्ली से वाराणसी के बीच चल रही हैं. रेलवे की योजना ऐसी 100 ट्रेनें चलाने की हैं. इन 100 वंदे भारत ट्रेनों की लागत करीब 11 हजार करोड़ रुपये की आएगी. रेल मंत्रालय की नई योजना 2024 तक अधिक से अधिक वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की है और इसके लिए रेलवे की तीन उत्पादन इकाइयों- रायबरेली में एमसीएफ, चेन्नई में आईसीएफ और कपूरथला में आईसीएफ को यूटिलाइज किया जाएगा.
(Article: Devanjana Nag)