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Image: PTI
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चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2019) में रेलवे (Indian Railways) की यात्री किराए से कमाई इससे पिछली तिमाही के मुकाबले 400 करोड़ रुपये कम हो गई. वहीं माल भाड़े से आय करीब 2,800 करोड़ रुपये बढ़ गई है. सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत पूछे गए सवाल से यह जानकारी मिली है. इससे पहले दूसरी तिमाही में भारतीय रेल की यात्री किराए से आमदनी पहली तिमाही की तुलना में 155 करोड़ रुपये घटी थी.
मध्य प्रदेश के RTI कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौड़ की ओर से दाखिल आरटीआई के जवाब में कहा गया कि रेलवे को 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में यात्री किराए से 13,398.92 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जो कि दूसरी तिमाही (जुलाई -सितंबर) में घटकर 13,243.81 करोड़ रुपये रह गई. तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में यात्री किराए से कमाई और गिरकर 12844.37 करोड़ रुपये रह गई.
माल भाड़े से कितना हुआ फायदा
हालांकि, माल भाड़े से आय में तीसरी तिमाही में मजबूत सुधार देखा गया है. पहली तिमाही में भारतीय रेल ने माल भाड़े से 29,066.92 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था. वहीं, दूसरी तिमाही में आय कम होकर 25,165.13 करोड़ रुपये रह गई. लेकिन तीसरी तिमाही में माल भाड़े से आमदनी में मजबूत सुधार दर्ज किया गया है और यह बढ़कर 28,032.80 करोड़ रुपये पर पहुंच गई.
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माल भाड़े में सुस्ती दूर करने के लिए कई पहल
उल्लेखनीय है कि रेलवे ने माल भाड़े में सुस्ती को दूर करने के लिए कई नई पहल की हैं. माल परिवहन पर हाल ही में उसने ‘‘व्यस्त मौसम’’ सरचार्ज को हटा दिया. इसके साथ ही एसी चेयर कार और एक्जीक्यूटिव श्रेणी की सीट वाली ट्रेनों में 25 फीसदी तक छूट देने की शुरुआत की. रेलवे ने 30 साल पुराने डीजल इंजनों को हटाने की भी शुरुआत की. इससे ईंधन खर्च में कमी आई, गैर-किराया राजस्व और भूमि के मौद्रीकरण की दिशा में भी कदम उठाए गए.