/financial-express-hindi/media/post_banners/HxIJl9pdFYzxOy4cuYSg.jpg)
चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट रही है.
एशियाई विकास बैंक (ADB) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है. एडीबी की ओर से मंगलवार को जारी एशियाई विकास आउटलुक (एडीओ)-2020 अपडेट में कहा गया है कि भारत में कोरोना वायरस की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. इसका असर उपभोक्ता धारणा पर भी पड़ा है, जिससे चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9 फीसदी की गिरावट आएगी. हालांकि, एडीबी का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल आएगा. चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट रही है.
एडीबी ने कहा कि आवाजाही तथा कारोबारी गतिविधियां खुलने से अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8 फीसदी रहेगी. एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा, ‘‘भारत ने महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाया। इससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगले वित्त वर्ष और उससे आगे अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए महामारी पर अंकुश के उपाय, जांच, निगरानी और इलाज की क्षमता का विस्तार महत्वपूर्ण है. इन उपायों को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने की जरूरत है, तभी अर्थव्यवस्था आगे उबर पाएगी.
S&P समेत कई एजेंसियों का अनुमान
ग्लोबल रेटिंग एजेंसी एसएंडपी (S&P) का आकलन है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9 फीसदी की गिरावट आ सकती है. रेटिंग एजेंसी ने सोमवार को 2020-21 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर के अनुमान को घटाकर (-)9 फीसदी कर दिया. पहले उसने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5 फीसदी गिरावट का अनुमान लगाया था. एसएडंपी का कहना है कि कोरोना महामारी ने आर्थिक गतिविधियों को बुरी तरह प्रभावित किया है. इसका असर आर्थिक विकास दर पर देखा जा सकता है.
भारतीय अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 9% की रहेगी गिरावट: S&P का अनुमान
मूडीज और फिच ने भी भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाया था. मूडीज ने चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.5 फीसदी और फिच ने 10.5 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया है. हालांकि, गोल्डमैन सैश का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 14.8 फीसदी की गिरावट आएगी. घरेलू एजेंसियों क्रिसिल और इंडिया रेटिंग्स ने इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में क्रमशः 9 फीसदी और 11.8 फीसदी की गिरावट का अनुमान जताया है.