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मध्य प्रदेश के इंदौर में अल्पसंख्यक समुदाय के एक 11 साल के बच्चे को कपड़े उतारकर डराने-धमकाने और उससे धार्मिक नारे लगवाने की चौंकाने वाली वारदात सामने आई है. (Representational Image : Pixabay)
Indore child stripped and forced to chant religious slogans: मध्य प्रदेश के इंदौर में अल्पसंख्यक समुदाय के एक 11 साल के बच्चे को कपड़े उतारकर डराने-धमकाने और उससे धार्मिक नारे लगवाने की चौंकाने वाली वारदात सामने आई है. दिल दहलाने वाली बात ये है कि एक छोटे बच्चे के साथ ये हैवानियत भरा सलूक करने का आरोप भी 3 नाबालिग बच्चों पर ही लगा है. इस शर्मनाक वारदात का वीडियो भी रिकॉर्ड किया गया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. 45 सेकंड के इस वीडियो में पीड़ित बच्चा बेहद डरा हुआ दिख रहा है और जोर-जोर से रो रहा है, खौफ से चिल्ला रहा है. लेकिन तीनों आरोपी जो 13 से 15 साल के बताए जा रहे हैं, उस पर रहम करने की बजाय, डरा-धमकाकर पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे और धार्मिक जयकारे लगवा रहे हैं.
वायरल हुआ वारदात का वीडियो
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक वारदात का वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद इंदौर पुलिस ने तीन नाबालिग आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस के मुताबिक पीड़ित बच्चा और तीनों आरोपी एक ही इलाके में रहते थे और उनके माता-पिता मजदूर हैं. पुलिस के मुताबिक 12 साल के पीड़ित बच्चे को आरोपी लड़कों ने यह कहकर फुसलाया कि वे उसे खिलौना देंगे. इसी बहाने वे कथित तौर पर उसे पास के एक सुनसान इलाके में ले गए, जहां उसे कपड़े उतारकर प्रताड़ित किया गया.
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नाबालिग आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई
पीड़ित बच्चे के माता-पिता की शिकायत के आधार पर आरोपी नाबालिगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी सेक्शन 323 (चोट पहुंचाना), सेक्शन 294 (सार्वजनिक स्थान पर अश्लील हरकत) और सेक्शन 365 (गलत मकसद से अपहरण) के तहत मामला दर्ज किया है. पुलिस के मुताबिक तीनों आरोपी लड़कों को माता-पिता के ज़मानत देने के बाद थाने से बेल पर छोड़ दिया गया है. लेकिन बाद में उन्हें ज्युविनाइल कोर्ट में में पेश किया जाएगा. पुलिस ने मीडिया से नाबालिग बच्चे को प्रताड़ित करने का वीडियो प्रसारित नहीं करने का अनुरोध किया है, हालांकि कुछ वेबसाइट्स और सोशल मीडिया के जरिए यह वीडियो अब भी वायरल हो रहा है.
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बच्चों में मन में इतनी नफरत किसने भरी?
इंदौर की इस वारदात पर पुलिस कानून के हिसाब से कार्रवाई कर रही है. लेकिन इस घटना ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि आखिर आरोपी बच्चों के मन में इतनी नफरत किसने भर दी कि वे एक हमउम्र बच्चे के साथ खेलने-कूदने की बजाय उसे टॉर्चर करने में लग गए? वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उस बच्चे के माता-पिता किसी और धर्म को मानने वाले हैं? ये एक ऐसा सवाल है, जो देश की अगली पीढ़ी के भविष्य से जुड़ा है और जिसका जवाब पूरे समाज को देना चाहिए.