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1 अप्रैल से विदेश घूमना हो सकता है महंगा! बजट 2020 का यह प्रस्ताव है वजह

बजट 2020 में ओवरसीज रेमिटेंस और ओवरसीज टूर पैकेज की बिक्री पर TCS वसूल करने के लिए आयकर कानून के सेक्शन 206C में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है.

बजट 2020 में ओवरसीज रेमिटेंस और ओवरसीज टूर पैकेज की बिक्री पर TCS वसूल करने के लिए आयकर कानून के सेक्शन 206C में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है.

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International tour package may become expensive from April 1 2020, budget 2020 proposal of TCS on overseas remittance and for sale of an overseas tour package is the reason

International tour package may become expensive from April 1 2020, budget 2020 proposal of TCS on overseas remittance and for sale of an overseas tour package is the reason

1 अप्रैल से विदेश घूमना महंगा हो सकता है. इसकी वजह है कि विदेश का ट्रैवल पैकेज खरीदते वक्त या 7 लाख से ज्यादा की विदेशी करेंसी लेते वक्त आपको टैक्स कलेक्शन एट सोर्स (TCS) का भुगतान करना होगा. बजट 2020 में ओवरसीज रेमिटेंस और ओवरसीज टूर पैकेज की बिक्री पर TCS वसूल करने के लिए आयकर कानून के सेक्शन 206C में संशोधन करने का प्रस्ताव किया गया है.

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रेमिटेंस या तो खर्च (ट्रैवल, शैक्षणिक खर्च आदि) के रूप में हो सकता है या निवेश के रूप में और ऐसे ट्रांजेक्शन RBI के प्रावधान के मुताबिक लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के नियमों के तहत आते हैं. रेमिटेंस की सीमा एक वित्त वर्ष में अधिकतम 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर है. इसे अगर 70 रुपये प्रति डॉलर के हिसाब से भारतीय करेंसी में आंकें तो यह लगभग 1.75 करोड़ रुपये बैठती है.

ओवरसीज टूर प्रोग्राम पैकेज का अर्थ ऐस पैकेज से होगा, जिसमें भारत के बाहर किसी एक देश या एक से ज्यादा देशों के दौरे की पेशकश की जा रही हो और जिसमें ट्रैवल या होटल में रहने या बोर्डिंग या लॉजिंग से जुड़े खर्च या ऐसा ही कोई अन्य खर्च शामिल हो. नए नियम से विदेश में पढ़ना या इंटरनेशनल वैकेशन पर जाना भी प्रभावित होगा.

क्या कहता है नया नियम

सेक्शन 206C के तहत नए नियमों के मुताबिक, अगर किसी ऑथराइज्ड डीलर को 7 लाख रुपये या इससे ज्यादा अमाउंट एक वित्त वर्ष में भारत के बाहर LRS के तहत रेमिटेंस के लिए मिलता है तो उसे इस पर 5 फीसदी की दर से TCS कलेक्ट करना होगा.

अगर किसी ओवरसीज टूर प्रोग्राम पैकेज के विक्रेता को ऐसे पैकेज के खरीदार से कोई भी धनराशि प्राप्त होती है तो उसे 5 फीसदी की दर से TCS कलेक्ट करना होगा. अगर ऑथराइज्ड डीलर या टूर पैकेज विक्रेता को PAN या आधार उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो TCS की दर 10 फीसदी होगी.

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बैंक, मनी चेंजर्स भी आएंगे दायरे में

क्या नए नियम से बैंक या मनी चेंजर्स से विदेशी करेंसी खरीदने पर भी 5 फीसदी का TCS देय होगा? इस बारे में BookMyForex.com के फाउंडर व सीईओ सुदर्शन मोटवानी का कहना है कि कस्टमर से पेमेंट हासिल करने वाला कोई भी ऑथराइज्ड पर्सन TCS कलेक्ट करने के लिए जिम्मेदार होगा, फिर चाहे वह बैंक हो, ऑथराइज्ड डीलर हो या मनी चेंजर्स.

मिल जाएगा रिफंड

मोटवानी का यह भी कहना है कि कस्टमर चुकाए गए TCS को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर रिफंड पा सकता है. मोटवानी यह भी कहते हैं कि अगर बजट में प्रस्तावित नियम पूरी LRS स्कीम पर लागू है तो फिर विदेशी करेंसी खरीदना उन लोगों के लिए महंगा हो जाएगा, जो टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं.

Story By: Sunil Dhawan