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Ipsos Survey: बेरोजगारी भारत की दूसरी प्रमुख चिंता, लेकिन पहले स्थान पर क्या?

Unemployment and Inflation: शहरी भारतीयों के लिए इन्फ्लेशन के बाद बेरोजगारी दूसरी 'सबसे बड़ी चिंता' बनकर उभरी है.

Unemployment and Inflation: शहरी भारतीयों के लिए इन्फ्लेशन के बाद बेरोजगारी दूसरी 'सबसे बड़ी चिंता' बनकर उभरी है.

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FE Hindi Desk
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Unemployment and Inflation: 40 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी को जबकि 45 फीसदी लोगों ने इन्फ्लेशन को प्रमुख चिंता बनाया

Ipsos Survey: शहरी भारतीयों के लिए इन्फ्लेशन के बाद बेरोजगारी दूसरी 'सबसे बड़ी चिंता' बनकर उभरी है. ग्लोबल मार्केट रिसर्चर, इप्सोस (Ipsos) द्वारा जारी रिपोर्ट 'व्हाट वरीज़ द वर्ल्ड' वैश्विक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार, बेरोजगारी के मुद्दे को दूसरे शीर्ष स्थान पर रखा गया है. 40 फीसदी लोगों ने बेरोजगारी को जबकि 45 फीसदी लोगों ने इन्फ्लेशन को प्रमुख चिंता बताया. इसको बाद वित्तीय और राजनीतिक भ्रष्टाचार को 27 फीसदी, अपराध और हिंसा को 24 फीसदी और अंत में गरीबी और सामाजिक असमानता को 22 फीसदी लोगों ने प्रमुख चिंता बताया.

सर्वे से और क्या निकला?

सर्वे के निष्कर्षों पर प्रकाश डालते हुए, इप्सोस के सीईओ, अमित अदारकर ने कहा कि जुलाई 2023 में इन्फ्लेशन और बेरोजगारी में कुछ राहत देखी गई जो एक "अच्छा संकेत" है. अदारकर ने यह भी कहा कि सुधार होने के बावजूद, मुद्दों की व्यापकता बनी हुई है, जो तनावपूर्ण वैश्विक वातावरण, वैश्विक आर्थिक मंदी और यूक्रेन में युद्ध, बाढ़ और अत्यधिक वर्षा के कारण ये समस्या अभी भी बनी हुई है. हालांकि, उन्होंने आगे कहा कि उम्मीद है कि अगली तिमाही में कुछ राज्यों में बंपर फसल के साथ स्थितियां और स्थिर हो जाएंगी.

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क्या भारत सही रास्ते पर है?

अध्ययन में यह भी कहा गया है कि जबकि भारतीय इस बात को लेकर ऑप्टिमिस्टिक बने हुए हैं कि देश कैसा काम कर रहा है, 57 फीसदी लोग मानते हैं कि भारत सही दिशा में आगे बढ़ रहा है.

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