/financial-express-hindi/media/post_banners/nyJO0oSrZDKGHzhxxTlY.jpg)
इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायण को फंसाने के मामले में केरल के पूर्व डीजीपी की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई सुप्रीम कोर्ट में है.
ISRO Spy Case: भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो की जासूसी के मामले में वैज्ञानिक नंबी नारायण को फंसाने से जुड़े मामले में केरल हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व डीजीपी सिबी मैथ्यूज को अग्रिम जमानत दी थी. अब इसके खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएम खानविलकर की बेंच ने आज शुक्रवार 16 जुलाई को कहा कि सीबीआई की इस याचिका पर 27 जुलाई को सुनवाई होगी.
जमानत का ये है मामला
सीबीआई ने पिछले साल 16 नवंबर को दिए गए केरल हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ यह याचिका दायर किया है. हाईकोर्ट ने राज्य के पूर्व डीजीपी मैथ्यू की जमानत से जु़ड़ी 60 दिनों की समय-सीमा को हटाने से जुड़ी याचिका के पक्ष में फैसला सुनाया था. यह समय सीमा एक ट्रॉयल कोर्ट ने पिछले साल 24 अगस्त को तय किया था. ट्रायल कोर्ट ने मैथ्यूज को गिरफ्तारी से पहले जमानत दे दिया था लेकिन अग्रिम जमानत की अवधि को 60 दिनों तक सीमित कर दिया था. इसी के खिलाफ मैथ्यूज हाईकोर्ट गए थे और वहां उनके पक्ष में फैसला आया. अब सीबीआई इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में है.
हाईकोर्ट ने पिछले साल 13 अगस्त को गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार, केरल के दो पूर्व पुलिस अधिकारियों एस विजयन और थांपी एस गुरुदत्त और एक रिटायर्ड इंटेलीजेंस अधिकारी पीएस जयप्रकाश को भी इसरो जासूसी के मामले में अग्रिम जमानत दिया था. इसरो जासूसी का मामला जब सामने आया था तो उस समय श्रीकुमार आईबी उपनिदेशक थे. इन सभी की जमानत को सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और ये अभी पेंडिंग हैं. सुप्रीम कोर्ट इसे मैथ्यूज के केस से जोड़कर 27 जुलाई को सुनवाई करेगा
इसरो जासूसी का मामला क्या है?
करीब 28 साल पहले भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम से जुड़े कुछ गुप्त दस्तावेजों को दो वैज्ञानिकों और चार अन्य लोगों द्वारा जिनमें मालदीव की दो महिलाएं भी शामिल हैं, विदेशी देशों को सौंपने का मामला सामना आया. इस मामले में नारायणन को सीबीआई ने क्लीन चिट दी और कहा कि मामले में जाल केरल पुलिस ने बुना था और जिस तकनीक को चुराकर वर्ष 1994 में विदेशी देशों को बेचने का आरोप लगाया गया, वह उस समय अस्तित्व में ही नहीं था. सीबीआई के मुताबिक केरल के टॉप अधिकारी नारायणन की अवैध हिरासत को लेकर जिम्मेदार थे.
Adani Ports ने इजराइल में भी गाड़ा झंडा, ऐतिहासिक हाइफा पोर्ट के निजीकरण के लिए लगाई सबसे बड़ी बोली
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 14 सितंबर 2018 को तीन सदस्यों की एक समिति गठित की थी और केरल सरकार को निर्देश दिया था कि नारायणन को 50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि कुछ वैज्ञानिकों को टार्चर किया गया और उन्हें फर्जी मामले में फंसाया गया जिसके चलके क्रॉयोजेनिक इंजन के निर्माण में देरी हुई और भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम 10-20 साल पीछे चला गया. सीबीआई ने इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायण को जासूसी मामले में गिरफ्तारी और बंदी से जुड़े आपराधिक षड्यंत्र में 18 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था.
(इनपुट: पीटीआई)