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Within a week after the launch by Skyroot, space tech firms Pixxel and Dhruva Space launched their payloads on the Polar Satellite Launch Vehicle, the workhorse of ISRO. (File Shot used for representation)
ISRO Latest Mission Successful : इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन यानी इसरो (ISRO) ने सतीश धवन स्पेस सेंटर से एक ओशनसैट -3 सैटेलाइट और 8 नैनो सैटेलाइटों को लॉन्च किया. इसी के साथ इसरो ने पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल के जरिए अपना लेटेस्ट मिशन सफलतापूर्वक पूरा किया. इसरो के चेयरमैन एस सोमनाथ ने इस मिशन के सफल होने की पुष्टि की है. शनिवार को उन्होंने कहा कि पीएसएलवी-सी54 ने अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट को उसके लक्षित ऑर्बिट में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया है. सभी 9 सैटेलाइटों में से, अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट (EOS) -6 प्राइमरी पैसेंजर और बाकी पिग्गीबैक होंगे.
श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ ओशनसैट 3
इसरो ने आंध्र प्रदेश के तिरूपति जिले में स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर श्रीहरिकोटा से अपने लेटेस्ट मिशन के तहत 9 सैटेलाइटों को लॉन्च किया है. सतीश धवन स्पेस सेंटर से 44.4 मीटर लंबे रॉकेट को 25.30 घंटे की काउंट डाउन के बाद आखिरी में पूर्व निर्धारित समय पर सुबह 11.56 बजे ऑर्बिट में प्रक्षेपित किया गया. इसरो चेयरमैन सोमनाथ ने बताया कि PSLV-C54 के प्रक्षेपण के 17 मिनट बाद लक्षित ऑर्बिट में पहुंचने के बाद, अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट यानी ओशनसैट सैटेलाइट सफलतापूर्वक रॉकेट से अलग हो गया और फिर उसे लक्षित ऑर्बिट में स्थापित किया गया. साइंटिस्ट अन्य को-पैसेंजर सैटेलाइट को एक अलग ऑर्बिट में स्थापित करने के लिए रॉकेट को नीचे करने का प्रयास करेंगे. , उम्मीद है कि ये काम दो घंटे में पूरा कर लिया जाएगा.
ओशनसैट सैटेलाइट की ये है खासियत
इसरो ने 2009 में अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट यानी ओशनसैट 2 को लक्षित ऑर्बिट में भेजा था. अपने लेटेस्ट मिशन के तहत समुद्र की निगरानी समेत बाकी जरूरी जानकारी रखने के लिए इसरो ने शनिवार को ओशनसैट 3 सैटेलाइट को लक्षित ऑर्बिट में प्रक्षेपित किया है. ओशनसैट सीरीज के सैटेलाइट अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट की कैटेगरी में आते हैं. आमतौर पर ये सैटेलाइट समुद्र विज्ञान और वायुमंडल की स्टडी के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं.