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ISRO: गगनयान मिशन अगले साल होगा लॉन्च, मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा- अन्तरिक्ष में भेजी जाएगी 'महिला' रोबोट व्योममित्र

ISRO will launch 'Gaganyaan' in the year 2024: पहला मिशन पूरी तरह से मानवरहित होगा और दूसरे मिशन में ‘व्योममित्र’ (Vyommitra) नाम की एक महिला रोबोट भेजी जायेगी

ISRO will launch 'Gaganyaan' in the year 2024: पहला मिशन पूरी तरह से मानवरहित होगा और दूसरे मिशन में ‘व्योममित्र’ (Vyommitra) नाम की एक महिला रोबोट भेजी जायेगी

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FE Hindi Desk
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ISRO: गगनयान मिशन अगले साल होगा लॉन्च, मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा- अन्तरिक्ष में भेजी जाएगी 'महिला' रोबोट व्योममित्र

ISRO will launch 'Gaganyaan' in the year 2024: गगनयान कार्यक्रम के तहत इसे आजादी के 75वें वर्ष में भेजने की कल्पना की गई थी

ISRO will launch 'Gaganyaan' in the year 2024: भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) पहले मानव मिशन 'गगनयान’ (Gaganyaan) के तहत साल के अंत में दो आरंभिक मिशन भेजेगा. साल 2024 में भारतीय मूल का मानव अंतरिक्ष में जायेगा. ये जानकारी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने दी. उन्होंने बताया कि इस साल के अंत में भेजे जाने वाले आरंभिक मिशन के दूसरे हिस्से में एक महिला रोबोट ‘व्योममित्र’ (Vyommitra) भेजी जाएगी.

आजादी के 75वें वर्ष में की गई थी कल्पना

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि गगनयान कार्यक्रम के तहत इसे आजादी के 75वें वर्ष में भेजने की कल्पना की गई थी, लेकिन कोविड काल में काफी कुछ अस्त व्यस्त हो गया. कई कार्यक्रम दो-तीन साल पीछे चले गए. केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड के दौरान हमारे अंतरिक्ष विज्ञानियों का रूस में प्रशिक्षण चल रहा था, लेकिन उसे बीच में रोकना पड़ा था. सिंह ने बताया कि जब कोविड का प्रकोप थोड़ा कम हुआ तब इन्हें फिर प्रशिक्षण पूरा करने के लिए रूस भेजा गया. 

‘व्योममित्र’ नाम की एक महिला रोबोट भेजी जायेगी अंतरिक्ष

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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस साल के अंत में गगनयान कार्यक्रम के तहत दो आरंभिक मिशन भेजे जायेंगे. इसमें एक मिशन पूरी तरह से मानवरहित होगा और दूसरे मिशन में ‘व्योममित्र’ (Vyommitra) नाम की एक महिला रोबोट भेजी जायेगी. ये दो मिशन सारी प्रक्रिया सम्पन्न करेंगे.  केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कहा कि इन आरंभिक मिशन का मकसद यह सुनिश्चत करना है कि गगनयान राकेट जिस मार्ग से जाये उसी मार्ग से सुरक्षित भी लौटे. मंत्री ने बताया कि इसके बाद अगले वर्ष हिन्दुस्तानी मूल का एक मानव अंतरिक्ष में जायेगा. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि वैसे तो भारतीय मूल के व्यक्ति के रूप में राकेश शर्मा इससे पहले अंतरिक्ष जा चुके हैं, लेकिन वह मिशन सोवियत रूस का था जबकि गगनयान मिशन हिन्दुस्तानी होगा और इसे बनाने वाले भी हिन्दुस्तानी होंगे.

सूर्य पर भी जल्द भेजा जाएगा Mission Aditya L1

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि गगनयान मिशन आत्मनिर्भर भारत का श्रेष्ठ उदाहरण होगा. यह भारत की अंतरिक्ष यात्रा के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा. सूर्य के अध्ययन वाले अभियान मिशन आदित्य एल1 (Mission Aditya L1) के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि इसकी तैयारी बराबर चल रही है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की यात्रा देर से शुरू हुई और जब हमने अंतरिक्ष क्षेत्र में आगे बढ़ने की कल्पना की तब अमेरिका और तत्कालीन सोवियत संघ चंद्रमा पर मानव उतारने की तैयारी कर रहे थे. सिंह ने कहा कि पुरानी पद्धतियों से हटकर तीन-चार साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरिक्ष क्षेत्र को निजी सार्वजनिक गठजोड़ के लिए खोलने का निर्णय किया और इसके परिणाम भी सामने आएं हैं. उन्होंने कहा कि आज हमारे देश के अनुसंधान अमेरिका और रूस के स्तर के हैं.

Isro Jitendra Singh Narendra Modi