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Maharashtra: जलगांव की मस्जिद में नमाज पढ़ने पर लगी रोक! मामला हाईकोर्ट पहुंचा

जलगांव के एक मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक लगा दी गई है. जलगांव जिला प्रशासन ने मस्जिद के अस्तित्व किए जा रहे दावों के बीच अंतरिम आदेश जारी किया है.

जलगांव के एक मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक लगा दी गई है. जलगांव जिला प्रशासन ने मस्जिद के अस्तित्व किए जा रहे दावों के बीच अंतरिम आदेश जारी किया है.

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FE Hindi Desk
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bars entry to mosque

जुम्मा मस्जिद ट्रस्ट कमेटी ने जलगांव जिला कलेक्टर अमन मित्तल द्वारा 11 जुलाई को जारी किए गए आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है.

Jalgaon Collector bars entry to mosque, HC to hear plea next on July 18: जलगांव के एक मस्जिद में नमाज अदा करने पर रोक लगा दी गई है. जलगांव जिला प्रशासन ने मस्जिद के अस्तित्व किए जा रहे दावों के बीच अंतरिम आदेश जारी किया है. यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच में पहुंच गया है. जुम्मा मस्जिद ट्रस्ट कमेटी ने जलगांव जिला कलेक्टर अमन मित्तल द्वारा 11 जुलाई को जारी किए गए आदेश के खिलाफ याचिका दायर की है. हिंदू संगठन, पांडववाड़ा संघर्ष समिति ने दावा किया है कि मुंबई से 350 किलोमीटर दूर एरंडोल में स्थित यह संरचना मंदिर जैसी है और समिति ने आरोप लगाया है कि स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने इस पर अतिक्रमण कर रखा है. वहीं मस्जिद की देखभाल करने वाली जुम्मा मस्जिद ट्रस्ट समिति का दावा है कि यह ढांचा उसके पास करीब 1861 से है. उस पर मालिकाना हक दिखाने का रिकार्ड भी जुम्मा समिति के पास है.

18 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

याचिका 13 जुलाई को दायर की गई थी. जुम्मा मस्जिद ट्रस्ट कमेटी के वकील एसएस काज़ी ने बताया कि अदालत ने मामले में पहली सुनवाई याचिका दायर किए जाने वाले दिन की और अगले दिन दूसरी सुनवाई की. उन्होंने कहा कि अदालत ने निर्देश दिया कि याचिका की एक प्रति मंदिर का दावा करने वाली समिति को भी दी जाए. मामले में अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख तय की गई है. इस विवाद को सुलझाने के लिए जलगांव कलेक्टर अमन मित्तल ने भी इस दिन दोनों पक्षों की बात सुनने के लिए तारीख तय की है.

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18 मई को हिंदू संगठन ने दिया था आवेदन

जलगांव कलेक्टर मित्तल ने प्रतिष्ठित मीडिया संस्थान इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि हमने अभी तक अपना अंतिम आदेश पारित नहीं किया है. उन्होंने बताया कि पहली सुनवाई में, हमने कानून और व्यवस्था के उद्देश्य से अपना अंतरिम आदेश पारित किया. मित्तल ने कहा कि 13 जुलाई को दूसरी सुनवाई दो घंटे से अधिक समय तक चली. वक्फ बोर्ड और मस्जिद ट्रस्ट के प्रतिनिधि उपस्थित थे और उनकी बात सुनी गई. हमने अब अपनी अगली सुनवाई 18 जुलाई को बुलाई है. हिंदूवादी ग्रुप 1980 के दशक से ही इस ढांचे पर दावा करते रहे हैं. यह कहते हुए कि यह ढांचा उन पांडवों से जुड़ा है जिन्होंने इस क्षेत्र में कुछ साल बिताए थे. मौजूदा विवाद पांडववाड़ा संघर्ष समिति द्वारा 18 मई को जिला कलेक्टर को सौंपे गए एक आवेदन से सामने आई है.

जुम्मा मस्जिद ट्रस्ट कमेटी के अध्यक्ष अल्ताफ खान द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि जिलाधिकारी ने 11 जुलाई 2023 को ‘‘मनमाना और अवैध’’ आदेश पारित किया, जिसके तहत उन्हें मस्जिद की चाबियां एरंडोल नगरपालिका परिषद के मुख्य अधिकारी को सौंपने का निर्देश दिया गया. यह आदेश दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 और 145 के तहत पारित किया गया था, जिसके अनुसार भूमि के विवाद पर अंतिम निर्णय होने तक यथास्थिति बनाए रखी जाएगी. याचिका के अनुसार, मस्जिद दशकों से अस्तित्व में है और महाराष्ट्र सरकार ने मस्जिद की संरचना को एक प्राचीन और ऐतिहासिक स्मारक घोषित किया था और इसे संरक्षित स्मारकों की सूची में शामिल किया गया है.

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