scorecardresearch

ED action on Naresh Goyal : प्रवर्तन निदेशालय की बड़ी कार्रवाई, जेट एयरवेज और नरेश गोयल परिवार की 538 करोड़ की संपत्तियां PMLA केस में जब्त

ED action on Naresh Goyal, Jet Airways : ईडी ने नरेश गोयल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के एक दिन बाद की कार्रवाई, नरेश गोयल को मनी लॉन्डरिंग के आरोप में सितंबर में किया गया था गिरफ्तार.

ED action on Naresh Goyal, Jet Airways : ईडी ने नरेश गोयल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के एक दिन बाद की कार्रवाई, नरेश गोयल को मनी लॉन्डरिंग के आरोप में सितंबर में किया गया था गिरफ्तार.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
ED, NARESH GOYAL, ATTACH, Jet Airways, Naresh Goyal, Naresh Goyal family, PMLA case, London, Dubai, ED attaches assets worth Rs 538 crore, ईडी, जेट एयरवेज, नरेश गोयल, नरेश गोयल परिवार, पीएमएलए केस, लंदन, दुबई, 538 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त, प्रवर्तन निदेशालय, Enforcement Directorate

ED action in PMLA case : प्रवर्तन निदेशालय ने PMLA के मामले में कार्रवाई करते हुए जेट एयरवेज और नरेश गोयल परिवार की 538 करोड़ की संपत्तियां जब्त कर ली हैं. (File Photo : Indian Express)

ED action on Naresh Goyal family and Jet Airways in PMLA case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जेट एयरवेज के फाउंडर नरेश गोयल और उनके परिवार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है. जेट एयरवेज और नरेश गोयल परिवार की 538 करोड़ की संपत्तियां जब्त प्रवर्तन निदेशालय ने जब्त कर ली हैं. यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) के मामले में की गई है. ईडी ने यह कार्रवाई नरेश गोयल के खिलाफ प्रॉसेक्यूशन कंप्लेंट (prosecution complaint) दायर करने के एक दिन बाद की है. ईडी के मामलों में चार्जशीट को ही प्रॉसेक्यूशन कंप्लेंट कहा जाता है. नरेश गोयल को मनी लॉन्डरिंग के आरोप में सितंबर में गिरफ्तार किया गया था. यह आरोप उनकी एयरलाइन को दिए गए एक कर्ज से जुड़ा हुआ है.

अटैच संपत्तियों में 17 रिहायशी फ्लैट, बंगले और कॉमर्शियल परिसर शामिल

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी इस कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया है कि उसने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल, उनके परिवार के सदस्यों और कंपनियों की लंदन, दुबई और भारत में 538 करोड़ रुपये की संपत्ति अटैच की है. अटैच की गई संपत्तियों में 17 रिहायशी फ्लैट, बंगले और कॉमर्शियल परिसर शामिल हैं. केंद्र सरकार की एजेंसी ने एक बयान में कहा कि लंदन, दुबई और भारत के विभिन्न शहरों में स्थित ये संपत्तियां जेट एयर प्राइवेट लिमिटेड और जेट एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड जैसी अलग-अलग कंपनियों, नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता और बेटे निवान के नाम पर हैं. ईडी ने कहा कि इन संपत्तियों का कुल मूल्य 538.05 करोड़ रुपये है.

Advertisment

Also read :पीएम मोदी ने त्रिपुरा-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय रेल लाइन को बताया एतिहासिक, शेख हसीना के साथ मिलकर किया 3 परियोजनाओं का उद्घाटन

1 सितंबर को गिरफ्तार हुए थे गोयल

74 साल के नरेश गोयल को ईडी ने 1 सितंबर को गिरफ्तार किया था और मंगलवार को उसने मुंबई में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) के मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत में उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. गोयल फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और मुंबई की आर्थर रोड जेल में बंद हैं. जेट एयरवेज ने नकदी की कमी के बाद अप्रैल 2019 में अपना कामकाज बंद कर दिया था. बाद में गोयल ने एयरलाइन के चेयरपर्सन पद से इस्तीफा दे दिया था. गोयल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस सीबीआई (CBI) की एफआईआर से शुरू हुआ है, जो मुंबई में केनरा बैंक की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. ईडी का कहना है कि केनरा बैंक की शिकायत के अनुसार जेआईएल, उसके प्रवर्तकों और निदेशकों ने धोखाधड़ी (cheating), आपराधिक साजिश (criminal conspiracy), आपराधिक विश्वासघात (criminal breach of trust) और आपराधिक कदाचार (criminal misconduct) जैसे अपराध किए, जिसके चलते 538.62 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम एनपीए (non-performing asset) में तब्दील हो गई.

Also read : गाजा पर इजरायली हमले तेज, कुछ घायलों और विदेशियों को राफा बॉर्डर से मिस्र जाने की मिली छूट

नरेश गोयल पर ED ने लगाए हैं गंभीर आरोप

ईडी का आरोप है कि 'जेआईएल ने एसबीआई और पीएनबी के नेतृत्व वाले बैंकों के एक समूह से लिए गए कर्ज की हेराफेरी की. नरेश गोयल ने बड़े पैमाने पर वित्तीय धोखाधड़ी को अंजाम दिया, जिसमें जेआईएल के फंड्स को तर्कहीन और बढ़ाचढ़ा कर दिखाए गए जनरल सेल्स एजेंट (GSA) कमीशन, विभिन्न पेशेवरों और सलाहकारों को बड़े अस्पष्ट भुगतान की आड़ में डायवर्ट किया गया. इसके अलावा जेटलाइट लिमिटेड (एयर सहारा के अधिग्रहण के लिए बनी 100 प्रतिशत सब्सिडियरी कंपनी) को कर्ज देने के बाद उस रकम को बैलेंस शीट में प्रॉविजनिंग करके माफ कर दिया गया. एजेंसी का आरोप है कि जेट एयर प्राइवेट लिमिटेड और जेट एयरवेज एलएलसी दुबई को गलत तरीके से जीएसए कमीशन का भुगतान किया गया. जेआईएल ने इन जीएसए के ऑपरेशनल खर्चों का भुगतान भी गलत तरीके से किया. ईडी ने कहा है कि दरअसल नरेश गोयल ही इन सभी जीएसए के “बेनिफीशियल ओनर” यानी असली मालिक थे. ईडी के मुताबिक यही वजह है कि जेआईएल प्रबंधन ने गोयल के कहने पर इन्हें लगातार बड़ी रकम का भुगतान करना जारी रखा, जबकि ये जीएसए 2009 के बाद से कंपनी को कोई महत्वपूर्ण सेवा नहीं दे रही थीं. ईडी ने कहा कि गोयल और उनके परिवार ने इस तरह मिले धन का इस्तेमाल अपने निजी खर्चों और निवेश के लिए किया.

Naresh Goyal Money Laundering Case Jet Airways Enforcement Directorate