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केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू सोमवार 23 जनवरी को संसद भवन के सेंट्रल हॉल में नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उनकी 126वीं जन्मजयंती पर पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए एक समारोह में शिरकत करने पहुंचे. (PTI Photo)
Union Law Minister Kiren Rijiju Speak again on Indian Judiciary System : न्यायपालिका में जजो की नियुक्ति पर बहस और तेज हो गई है. केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को कहा है कि जजो को चुनाव नहीं लड़ना पड़ता है और न हीं उन्हें जनता का सामना करना पड़ता है. जजो को जनता चुनकर न्यायपालिका नहीं भेजती है. सरकार और न्यायपालिका के बीच जारी बहस पर रिजिजू ने कहा कि चुनी गई सरकार पर जनता की नजर हमेशा रहती है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में सरकार पर जनता की नजर और बढ़ गई है. जनता के सवालों का भी सरकार को सामना करना पड़ता है. लेकिन न्यायपालिका में जज बनने के बाद ऐसा नहीं है. जजो को चुनाव का सामना नहीं करना पड़ता है और न हीं उन्हें जनता चुनकर भेजती है.
#WATCH | "After becoming judges, they don't have to face elections or scrutiny by the public," says Union Law minister Kiren Rijiju pic.twitter.com/4aLPjLoGrk
— ANI (@ANI) January 23, 2023
न्यायपालिका के कामकाज पर जनता की रहती है नजर: किरेन रिजिजू
रिजिजू ने कहा कि चूंकि जनता जजो का चुनाव नहीं करती है, इसलिए वे जजो को 'बदल' नहीं सकते हैं, जबकि सरकार का चुनाव करने के मामले वह ऐसा कर पाते हैं. उन्होंने न्यायपालिका पर बोलते हुए कहा कि जनता यह सबकुछ देख रही है. जनता न्यायपालिका के फैसलों, काम करने के तौर तरीकों और जजो द्वारा किए गए न्यायिक फैसलों पर पैनी नजर बनाए रखती हैं. न्यायपालिका के कामकाज का आकलन जनता करती है और अपनी राय भी बनाती है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में कुछ भी जनता से छुपाया नहीं जा सकता है.
चीफ जस्टिस ने सरकार से की है अनुरोध: किरेन रिजिजू
रिजिजू ने कहा कि भारत के चीफ जस्टिस ने सरकार से उन लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है जो जजो पर हमला कर रहे हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जजो के खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल कर रहे तत्वों पर कार्रवाई करने के लिए चीफ जस्टिस ने सरकार से रिक्वेस्ट की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि चूंकि जजो की अपनी सीमाएं हैं. सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अक्सर होने वाली टिप्पणी के खिलाफ जज खुद का बचाव करने में सक्षम नहीं होते हैं. ऐसे में चीफ जस्टिस ने सरकार से अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वालो तत्वों पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया है.