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कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के नेता कन्हैया कुमार और गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवानी कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. एएनआई के एक ट्वीट के मुताबिक, आज यानी मंगलवार को दोनों नेताओं ने राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस का दामन थाम लिया. लंबे समय से राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा हो रही थी कि कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस संबंध में कहा, "इन्होंने(कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी) लगातार मोदी सरकार और हिटलरशाही की नीति के खिलाफ संघर्ष किया. हमारे इन साथियों को लगा कि ये आवाज़ और बुलंद हो पाएगी जब ये कांग्रेस और राहुल गांधी की आवाज़ में मिलकर एक और एक ग्यारह की आवाज़ बन जाएगी."
दिल्ली: सीपीआई नेता कन्हैया कुमार और गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हुए। pic.twitter.com/VUeGb2o5eD
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2021
भाजपा ने कांग्रेस पर साधा निशाना
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कांग्रेस पार्टी पर इसे लेकर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “सर्जिकल स्ट्राइक की एनिवर्सिरी के मौके पर कांग्रेस पार्टी 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' वाले कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवानी को स्वीकार कर रही है. यह महज एक इत्तेफाक नहीं हो सकता. भारत के टुकड़े करने वालों के साथ हाथ मिलाना कांग्रेस की पुरानी आदत रही है.”
On the anniversary of surgical strike, Congress to admit Kanhaiya Kumar and Jignesh Mewani of “Bharat tere tukde honge” fame.
This can’t be a mere coincidence.
Joining hands with “Breaking India” forces is now Congress’s raison d'être.
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 28, 2021
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने उठाए सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के पार्टी में शामिल होने की संभावना के बीच अपनी ही पार्टी पर तंज किया है. मंगलवार को उन्होंने अपनी पार्टी पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, “कुछ कम्युनिस्ट नेताओं के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं. अब शायद 1973 की पुस्तक ‘कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस’ के पन्ने फिर से पलटे जाएं. लगता है कि चीजें जितनी ज्यादा बदलती हैं, वो उतना ही पहले की तरह बनी रहती हैं. आज इसे फिर से पढ़ता हूं.’’ ‘कम्युनिस्ट्स इन कांग्रेस’ कम्युनिस्ट विचारक रहे कुमारमंगलम की किताब है.
As Speculation abounds about certain Communist leaders joining @INCIndia it perhaps may be instructive to revisit a 1973 book ‘ Communists in Congress’ Kumarmanglam Thesis. The more things change the more they perhaps remain the same.
I re-read it todayhttps://t.co/iMSK8RqEiA
— Manish Tewari (@ManishTewari) September 28, 2021