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Karnataka Election Results 2023: कौन बनेगा कर्नाटक का नया मुख्यमंत्री, सिद्धरमैया के सिर सजेगा ताज या शिवकुमार को मिलेगी सत्ता?

Karnataka Result 2023 News Updates: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?

Karnataka Result 2023 News Updates: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि राज्य का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा?

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Viplav Rahi
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Karnataka Election Results 2023 Updates:

Karnataka Election Result, कर्नाटक चुनाव 2023: कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दो बड़े दावेदार हैं : सिद्धरमैया और डी के शिवकुमार. (Photo : PTI)

Siddaramaiah or DK Shivakumar? Who will be new Chief Minister of Karnataka : कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को शानदार जीत हासिल हुई है. प्रदेश की जनता ने कांग्रेस के पक्ष में अपना साफ जनादेश दे दिया है. उम्मीद की जा रही है कि यह अहम जीत 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी में नया जोश भरने का काम करेगी. कांग्रेस नेताओं ने नतीजों के बाद जिस अंदाज में प्रतिक्रियाएं जारी की हैं, उनमें यह उत्साह साफ झलक भी रहा है. लेकिन कांग्रेस पार्टी के सामने अब भी एक बड़ी चुनौती मौजूद है. यह चुनौती है राज्य के नए मुख्यमंत्री का नाम तय करने की. कर्नाटक में इस पद के दो बड़े दावेदार मौजूद हैं - प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया. ऐसे में सबकी नजरें इस बात पर टिकी हुई हैं कि कांग्रेस पार्टी आखिरकार प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी इनमें से किसके हवाले करती है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे खुद कर्नाटक से हैं. जाहिर है कि वे राज्य की सियासत को अच्छी तरह समझते हैं और कोई भी फैसला तमाम बातों पर विचार करने के बाद ही करेंगे. उनके बेटे प्रियांक खड़गे राज्य में कांग्रेस की जीत के बाद कह भी चुके हैं कि अगले मुख्यमंत्री का फैसला हाईकमान को करना है.

आलाकमान के लिए आसान नहीं है फैसला

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प्रियांक खड़गे भले ही कह रहे हों कि नए मुख्यमंत्री का चेहरा हाईकमान को तय करना है, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए ऐसा करना आसान नहीं होगा. वजह ये है कि राज्य में मुख्यमंत्री पद के दोनों ही दावेदार काफी मजबूत हैं. डीके शिवकुमार न सिर्फ कांग्रेस की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष के तौर पर जीत का श्रेय लेने के दावेदार हैं, बल्कि राज्य में पार्टी के संकटमोचक भी माने जाते हैं. वहीं, दिग्गज नेता सिद्धारमैया पूरे 5 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. लिहाजा वे भी मुख्यमंत्री पद के स्वाभाविक दावेदार हैं. जातीय समीकरण और जमीन से जुड़े नेता की छवि भी उनके पक्ष में जाती है. दूसरी तरफ, डीके शिवकुमार ने चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह से मुख्यमंत्री पद की दौड़ में अपने शामिल होने की इच्छा का इजहार किया था, उससे साफ है कि वे भी आसानी से अपना दावा छोड़ने वाले नहीं हैं.

क्या अब भी कायम रहेगी प्रचार के वीडियो में दिखी दोस्ती?

हालांकि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव प्रचार के अंतिम दौर में सिद्धरमैया और डीके शिवकुमार का साझा वीडियो जारी करके यह संदेश देने की कोशिश की थी कि दोनों नेताओं के बीच कोई आपसी तनाव नहीं है और चुनाव में पार्टी की जीत के लिए दोनों मिलकर काम कर रहे हैं. कर्नाटक में कांग्रेस ने जिस तरह लंबे अरसे बाद अपने दम पर सत्ता में वापसी की है, उसे दोनों के मिलकर काम करने का इनाम भी माना जा सकता है. ऐसे में कांग्रेस हाईकमान या पार्टी के तमाम आम कार्यकर्ता और समर्थक दो नेताओं की आपसी रस्साकशी के चक्कर में इस बड़ी जीत का मजा खराब करना नहीं चाहेंगे. लेकिन चुनाव में जीत के लिए मिलकर काम करने और एक बार सत्ता मिल जाने के बाद कुर्सी पर दावेदारी के समय उदारता दिखाने में बड़ा फर्क होता है. इस बात पर जिन्हें यकीन न हो, वे मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस के तजुरबे पर गौर कर सकते हैं. कांग्रेस के मतदाता और समर्थक सिर्फ उम्मीद ही कर सकते हैं कि कर्नाटक में उनके नेता आने वाले दिनों में सत्ता के लिए आपसी घमासान करने से ज्यादा ध्यान जनता की समस्याओं को दूर करने और चुनावी वादों को पूरा करने पर देंगे.

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