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Kavach Train Protection System: ट्रेनों को टकराने से रोकेगा देश में बना 'कवच', भारत ने बनाई खास तकनीक, दूसरे देशों को भी मिलेगी मदद

Kavach Train Protection System: एक ट्रेन में रेल मंत्री तो दूसरे में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और दोनों ही ट्रेनें पूरी रफ्तार से आज एक ही पटरी पर आमने-सामने आ गई.

Kavach Train Protection System: एक ट्रेन में रेल मंत्री तो दूसरे में रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और दोनों ही ट्रेनें पूरी रफ्तार से आज एक ही पटरी पर आमने-सामने आ गई.

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Kavach to make Indian Railways journeys safer on National Safety Day Railway Minister Ashwini Vaishnaw reviews indigenous train protection system

आज रेल मंत्री ने साउथ सेंट्रल रेलवे जोन के सिकंदराबाद डिविजन के लिंगमपल्ली-विकाराबाद सेक्शन के बीच स्वदेशी ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम 'कवच' का परीक्षण किया.

Kavach Train Protection System: आज का दिन भारतीय रेलवे के लिए बहुत खास है. राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस के दिन आज सिकंदराबाद में दो ट्रेनों को एक ही पटरी पर पूरी रफ्तार में आमने-सामने लाया गया और इस बात का परीक्षण किया गया कि किसी भी विपरीत परिस्थिति में स्वदेशी 'कवच' ट्रेनों की टक्कर रोक पाता है या नहीं. इस परीक्षण में खास बात यह रही कि एक ट्रेन में तो रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनय कुमार त्रिपाठी सवार थे तो दूसरी तरफ की ट्रेन में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव थे. यह परीक्षण सफल रहा और कवच ने एक ट्रेन को दूसरी ट्रेन से करीब 380 मीटर के फासले पर रोक दिया. यह तकनीक भारत में विकसित की गई है और इसका दुनिया भर को फायदा मिलने की उम्मीद है.

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सिकंदराबाद डिविजन में हुआ परीक्षण

राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस पर आज रेल मंत्री ने साउथ सेंट्रल रेलवे जोन के सिकंदराबाद डिविजन के लिंगमपल्ली-विकाराबाद सेक्शन के बीच स्वदेशी ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम 'कवच' का परीक्षण किया. रेल मंत्री के साथ रेलवे बोर्ड के चेयरमैन व सीईओ विनय कुमार त्रिपाठी व रेलवे के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे. अगले वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने करीब दो हजार किमी रेल ट्रैक को कवच के तहत लाने का ऐलान किया था.

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ऐसे काम करेगा कवच

ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन 'कवच' को रिसर्च डिजाइन व स्टैंडर्ड्स ऑर्गेनाइजेशन (RDSO) ने इंडियन इंडस्ट्री के साथ मिलकर तैयार किया है. साउथ सेंट्रल रेलवेज के मुताबिक यह तकनीक इतनी सटीक है कि अगर तेज रफ्तार से दौड़ रही ट्रेनें आमने-सामने आ गईं तो भी टक्कर नहीं होगी और रेड सिग्नल पार करते ही ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाएगा. अगर पीछे से भी कोई ट्रेन आ रही है तो टक्कर नहीं होगी. इसके अलावा एक सीमा से अधिक स्पीड से ट्रेन चल रही है तो ब्रेक लगेगा.

Railways Railway Ministry Indian Railways