/financial-express-hindi/media/media_files/2025/08/22/kolkata-metro-staion-2025-08-22-17-21-43.jpg)
प्रधानमंत्री मोदी ने कोलकाता में 13.61 किलोमीटर लंबे तीन नए मेट्रो रेल मार्गों को हरी झंडी दिखाई. (Image: YT/NarendraModi)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कोलकाता को तीन नई मेट्रो रूट्स की सौगात दी. शहर में जेसोर रोड–जय हिंद विमानबंदर–नोआपाड़ा (येलो लाइन) मेट्रो रूट की शुरूआत भी हुई, जिससे एयरपोर्ट तक सीधी कनेक्टिविटी और उत्तरी कोलकाता के यात्रियों को बड़ी सुविधा मिलेगी. इस मौके पर पीएम मोदी के साथ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार भी मौजूद रहे.
नई शुरुआत के तहत ग्रीन, येलो और ऑरेंज लाइन पर कुल 13.61 किलोमीटर लंबे नेटवर्क का उद्घाटन किया गया. अधिकारियों का कहना है कि इन रूट्स से कोलकाता की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर दबाव कम होगा और लाखों यात्रियों की रोजमर्रा की यात्रा आसान होगी.
कोलकाता में मेट्रो सेवा की शुरुआत 1984 में हुई थी और तब से अब तक कई चरणों में इसका विस्तार हुआ है. लेकिन एयरपोर्ट तक सीधी मेट्रो पहुंच का सपना अब जाकर पूरा हुआ है, जिससे शहर के यातायात पर बड़ा असर पड़ने की उम्मीद है.
कोलकाता में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 3 नए मेट्रो लाइन्स की शुरूआत किए जाने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने ने कहा - इन प्रोडेक्ट की योजना और स्वीकृति उनके रेल मंत्री रहते हुए बनी थी. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार शाम पश्चिम बंगाल का दौरा करके 3 अहम मेट्रो रूट्स की शुरुआत की. बनर्जी ने इस कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला लिया है.
टीएमसी नेताओं ने कहा है कि इस फैसले की वजह भाजपा शासित क्षेत्रों में बंगालियों का कथित उत्पीड़न है. दो बार रेल मंत्री रहीं बनर्जी ने कहा कि उनके दूसरे कार्यकाल में उन्होंने कोलकाता में मेट्रो विस्तार प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी थी.
बनर्जी पहली बार 1999 से 2001 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार में और फिर कांग्रेस के नेतृत्व में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)-2 के शासनकाल में 2009 से 2011 तक रेल मंत्री रही थीं.
उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "आज मुझे थोड़ी पुरानी यादें ताज़ा करने की इजाजत दीजिए. भारत की रेल मंत्री के रूप में, मुझे महानगर कोलकाता में मेट्रो रेलवे कॉरिडोर की योजना बनाने और उसे मंजूरी देने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था. मैंने ही ब्लूप्रिंट तैयार किए, धन की व्यवस्था की, कार्य शुरू किए और यह सुनिश्चित किया कि शहर के विभिन्न छोर (जोका, गरिया, हवाई अड्डा, सेक्टर 5, आदि) एक इंट्रा-सिटी मेट्रो ग्रिड से जुड़ें. बाद में, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में, मुझे इन प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में भाग लेने का अतिरिक्त सौभाग्य प्राप्त हुआ था.