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श्रम मंत्रालय ने दिन में अधिकतम 12 कामकाजी घंटों का प्रस्ताव किया है.
श्रम मंत्रालय ने दिन में अधिकतम 12 कामकाजी घंटों का प्रस्ताव किया है, जिसमें अंतराल शामिल होंगे. ये प्रस्ताव ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन (OSH) कोड 2020 पर ड्राफ्ट नियमों के तहत है, जिसे इस साल सितंबर में संसद ने पारित किया था. हालांकि, साप्ताहिक काम करने के घंटों की सीमा को 48 घंटे रखा गया है (6 दिन X आठ घंटे, एक साप्ताहिक छुट्टी के साथ). ये ड्राफ्ट नियम 19 नवंबर 2020 को अधिसूचित किए गए हैं.
ओवरटाइम अलाउंस के जरिए ज्यादा कमाई का अवसर
इसे कई क्षेत्रों से आलोचना का सामना करना पड़ा है क्योंकि संसद द्वारा पारित किया OSH कोड एक दिन में अधिकतम आठ घंटों के लिए कहता है. श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह देशभर में स्थितियों को देखते हुए किया गया है जहां काम पूरे दिन में फैला होता है. इसके साथ कर्मियों को ओवरटाइम अलाउंस के जरिए ज्यादा कमाने का भी मौका मिलेगा.
अधिकारी ने आगे कहा कि उन्होंने ड्राफ्ट नियमों में जरूरी प्रावधान किए हैं जिससे सभी कर्मी जो आठ घंटे से ज्यादा काम कर रहे हैं, उन्हें ओवरटाइम अलाउंस मिले. OSH कोड पर ड्राफ्ट नियमों के मुताबिक, किसी दिन पर ओवरटाइम को कैलकुलेट करते समय एक घंटे के बीच के 15-30 मिनट की अवधि को 30 मिनट ही गिना जाएगा.
एक हफ्ते में 48 घंटों से ज्यादा काम करने की मंजूरी नहीं
वर्तमान में, 30 मिनट से कम अवधि को मौजूदा कानूनी व्यवस्था में ओवरटाइम नहीं गिना जाता है. ड्राफ्ट नियमों में कहा गया है कि कोई कर्मी को किसी प्रतिष्ठान में एक हफ्ते में 48 घंटों से ज्यादा काम करने की जरूरत या मंजूरी नहीं होगी. कर्मी के काम की अवधि इस तरह होनी चाहिए कि आराम के लिए अंतराल शामिल हों, जो एक दिन में 12 घंटों से ज्यादा फैले नहीं होने चाहिए.
ड्राफ्ट के मुताबिक, किसी कर्मी को पांच घंटों से ज्यादा काम करने की इजाजत नहीं होगी, जब तक उसे आराम करने के लिए कम से कम आधे घंटे का अंतराल मिले.