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Lakhimpur Kheri Violence : आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी न होने से सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- हत्या के मामले में दूसरे आरोपियों के साथ भी ऐसा ही होता है?

चीफ जस्टिस ने कहा कि सामान्य हालात में अगर 302 का मामला दर्ज किया जाता तो पुलिस क्या करती. सीधे आरोपी को गिरफ्तार कर लेती. लेकिन यहां तो पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जा रहा है.

चीफ जस्टिस ने कहा कि सामान्य हालात में अगर 302 का मामला दर्ज किया जाता तो पुलिस क्या करती. सीधे आरोपी को गिरफ्तार कर लेती. लेकिन यहां तो पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जा रहा है.

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Lakhimpur Kheri Violence :  आशीष मिश्रा की गिरफ्तारी न होने से सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- हत्या के मामले में दूसरे आरोपियों के साथ भी ऐसा ही होता है?

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुरी हिंसा मामले में यूपी पुलिस के रवैये पर सवाल उठाए

सुप्रीम कोर्ट ने आज लखीमपुरी खीरी केस में राज्य सरकार के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की. चीफ जस्टिस एन वी रमना की अगुआई वाली बेंच ने पहले तो कहा कि वह लखीमपुरी खीरी हिंसा मामले को सुलझाने के लिए यूपी सरकार के अब तक उठाए कदमों से संतुष्ट नहीं है. इसके बाद उसने यूपी सरकार के वकील हरीश साल्वे से पूछा कि क्या सीआरपीसी की धारा 302 (हत्या का मामला) के मामले में अन्य अभियुक्तों के साथ भी आप यही करते हैं. उन्हें नोटिस देते हैं और फिर पूछताछ के लिए बुलाते हैं.

चीफ जस्टिस ने पूछा, सामान्य हालात में 302 का मामला दर्ज होता तो पुलिस क्या करती?

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चीफ जस्टिस ने कहा कि सामान्य हालात में अगर 302 का मामला दर्ज किया जाता तो पुलिस क्या करती. सीधे आरोपी को गिरफ्तार कर लेती. लेकिन यहां तो पूछताछ के लिए नोटिस भेजा जा रहा है. इस पर हरीश साल्वे ने कहा पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृतकों के शरीर पर गोली के घाव नहीं थे इसलिए सीआरपीसी की धारा 160 के तहत पहले नोटिस दिया गया था. उन्होंने कहा कि आशीष मिश्रा को समन जारी किया गया है. कल सुबह 11 बजे पेश होने के लिए समन जारी किया गया है, और अगर वह पेश नहीं होते हैं तो कानून कठोरता से अपना काम करेगी.

बेंच ने एसआईटी के गठन को लेकर भी जताया असंतोष

बेंच ने कहा कि केस के मेरिट को देख कर काम नहीं हो रहा है. हत्या का आरोप है. लिहाजा इस आरोपी के साथ वैसा ही व्यवहार करें जैसे अन्य आरोपियों के साथ होता है. यह आठ लोगों की निर्मम हत्या का मामला है. ऐसे मामलों में पुलिस आमतौर पर आरोपी को तुरंत गिरफ्तार कर लेती है. बेंच ने कहा कि इस मामले में चश्मदीदों के साफ बयान हैं. हिंसा में जो भी शामिल हैं उनके खिलाफ कानून को अपना काम करना चाहिए. बेंच ने एसआईटी के गठन पर भी असंतोष जाहिर करते हुए कहा कि इसमें सभी लोग स्थानीय अधिकारी हैं. पीठ ने यह भी पूछा कि क्या राज्य इस मामले को सीबीआई को सौंपने पर विचार कर रहा है.

पुलिस को अब तक आशीष मिश्रा का सुराग नहीं

यूपी पुलिस केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को अब तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है. उन पर आरोप है कि लखीमपुरी में जिस गाड़ी से किसान प्रदर्शनकारियों को रौंदा गया था, उसमें वह सवार थे. क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को सुबह बयान दर्ज कराने के लिए अपने दफ्तर बुलाया था, लेकिन अभी तक आशीष मिश्र या उनके वकील क्राइम ब्रांच के दफ्तर नहीं पहुंचे हैं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आशीष मिश्रा शनिवार को पुलिस के सामने पेश हो सकता है. बताया जा रहा है कि मंत्री अजय मिश्रा आज देर शाम तक लखीमपुर खीरी पहुंचेंगे, जिसके बाद कल एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बेटे को पेश कर सकते है. हालांकि सूत्रों के मुताबिक कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि आशीष नेपाल भाग गए हैं.

Supreme Court Yogi Adityanath