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Express photo by Vishal Srivastav
लखीमपुर खीरी हिंसा की जांच करने वाली एसआईटी ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत सभी 13 गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ हत्या की कोशिश का मामला दर्ज करने को कहा है. अपनी जांच के आधार पर एसआईटी ने अदालत से कहा है कि इन लोगों पर एक सोची समझी साजिश के तहत जानबूझकर हत्या की कोशिश करने और लोगों को चोट पहुंचाने के आरोप दर्ज किए जाएं.
एसआईटी के जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने अपनी जांच रिपोर्ट में बताया है कि किसानों को कार से कुचले जाने की वारदात जानबूझ की गई थी. जिसे लापरवाही का मामला नहीं माना जा सकता है. यही वजह है कि एसआईटी ने लापरवाही से गाड़ी चला कर लोगों को घायल करने के आरोप की जगह हत्या का आरोप दर्ज करने को कहा है.
राहुल और प्रियंका ने साधा पीएम पर निशाना
एसआईटी के इस खुलासे के बाद राजनीतिक बयानबाजियों का सिलसिला तेज हो गया है. कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, “मोदी जी, फिर से माफ़ी मांगने का टाइम आ गया. लेकिन पहले अभियुक्त के पिता को मंत्री पद से हटाओ. सच सामने है.”
प्रियंका गांधी ने भी मोदी पर निशाना साधा है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, "न्यायालय की फटकार व सत्याग्रह के चलते अब पुलिस का भी कहना है कि गृह राज्यमंत्री के बेटे ने साजिश करके किसानों को कुचला था। जांच होनी चाहिए कि इस साजिश में गृहराज्यमंत्री की क्या भूमिका थी? लेकिन नरेंद्र मोदी जी किसान विरोधी मानसिकता के चलते आपने तो उन्हें पद से भी नहीं हटाया है."
कांग्रेस प्रवक्ता गुरदीप सिंह सप्पल ने ट्विटर पर लिखा, " क्या अब भी गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ का इस्तीफ़ा नहीं होगा.अब तो लखीमपुर खेरी हत्याकांड में धारा 307, 326 का केस बन गया है, जांच अधिकारी ने पूर्व नियोजित हत्या का निष्कर्ष निकाला है."
समाजवादी पार्टी ने सरकार को घेरा
समाजवादी पार्टी के नेता नावेद सिद्दीकी ने कहा कि इस मामले में अब सीबीआई से जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस हिंसा में किसानों की सीधे तौर पर हत्या की गई थी. एसआईटी ने अपनी जांच से पुष्ट कर दिया है. इसके साथ ही उन्होंने गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग की है.
क्या है मामला
इस साल 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक एसयूवी कार से कुचल दिया गया था. किसानों ने आरोप लगाया था कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था. 9 अक्टूबर को कई घंटों की पूछताछ के बाद आशीष को गिरफ्तार कर लिया गया था.