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चारा घोटाले में लालू यादव को पांच साल कैद और 60 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है.
Lalu Prasad Yadav Fodder Scam: चारा घोटाले के तहत डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये के गबन के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव को पांच साल की कैद और 60 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश एस के शशि ने 15 फरवरी को लालू यादव समेत 38 आरोपियों को इस मामले में दोषी करार देते हुए सजा पर सुनवाई के लिए 21 फरवरी की तारीख तय की थी.
सीबीआई के विशेष अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि विशेष अदालत ने शनिवार को कहा था कि वह सभी 38 दोषियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सजा सुनाएगी. आज दोपहर 12 बजे से मामले में सजा पर सुनवाई शुरू हुई जो लगभग 40 मिनट तक चली. सिंह ने बताया कि इन 38 दोषियों में से 35 बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं जबकि लालू प्रसाद यादव समेत तीन अन्य दोषी स्वास्थ्य कारणों से राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती हैं.
ये है पूरा मामला
यह मामला लगभग 23 साल पुराना है. 1990 से 1995 के बीच झारखंड के डोरंडा में ट्रेजरी से 139.35 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी. इस मामले में सीबीआई में 29 जनवरी को बहस पूरी हो गई थी. लालू इससे पहले चार मामलों में सजा काट चुके हैं. वे जमानत पर बाहर थे, लेकिन पिछले हफ्ते पांचवें मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें वापस जेल भेज दिया गया. इसके अलावा, एक और मामला- बैंक-भागलपुर ट्रेजरी से पैसे की अवैध निकासी से संबंधित है, जो कि पटना में सीबीआई अदालत के समक्ष लंबित है.
चारा घोटाले में गबन के मामलों में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पहली बार 30 जुलाई, 1997 को जेल गए और तब वह 134 दिनों तक न्यायिक हिरासत में रहे. चारा घोटाले में 30 सितंबर, 2013 को पहली बार चाईबासा कोषागार से 37 करोड़ रुपये गबन के मामले में लालू प्रसाद यादव को रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया और जेल भेजा. बाद में अदालत ने तीन अक्टूबर को उन्हें पांच वर्ष कैद और दस लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी जिसके बाद वह यहां बिरसा मुंडा जेल में 13 दिसंबर, 2013 तक बंद रहे. लालू यादव को इस मामले में 13 दिसंबर, 2013 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली.
(इनपुट - पीटीआई)