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Arvind Kejriwal (File Image)
आम आदमी पार्टी यानी आप (AAP) और असदुद्दीन ओवैसी की अगुआई वाली पार्टी एआईएमआईएम (AIMIM) गुजरात की तरह अगले साल मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में दमखम के साथ उतरने की तैयारियां कर सकती है. दरअसल एमपी में इसी साल जुलाई-अगस्त के महीने में हुए नगर निकाय चुनाव में आम आदमी ने अच्छा प्रदर्शन किया था. जिसे देखते हुए अटकलें लगाई जा रही हैं कि गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद ये पार्टियां राज्य के सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस को एक बार फिर से दूसरे राज्य में चुनौती देने उतर सकती हैं.
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अगुआई वाली पार्टी आप को गुजरात विधानसभा चुनाव में सिर्फ 5 सीटें मिली हैं. जबकि ओवैसी की पार्टी हाल ही हुए गुजरात चुनाव में एक भी सीट पर जीत दर्ज कर पाने में असफल रही. हालांकि दोनों दलों ने गुजरात विधानसभा चुनाव में कई सीटों पर कांग्रेस को करारा नुकसान पहुंचाया, खासकर उन विधानसभा क्षेत्रों में जहां अल्पसंख्यक मतदाताओं की संख्या अधिक है.
कमलनाथ ने AAP को बताया बीजेपी की B टीम
एमपी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आम आदमी पार्टी और ओवैसी की पार्टी से मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी को बिल्कुल भी चुनौती नहीं है. उन्होंने कहा कि ये दोनों दल खुद को बड़ी ताकत के रूप में पेश करते हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर मध्य प्रदेश में दोनों हीं पार्टियों का जनाधार न के बराबार है. ओवैसी की पार्टी और AAP पर आरोप लगाते हुए कमलनाथ ने कहा कि निश्चित रूप से ये दोनों हीं पार्टियां भाजपा की बी-टीम हैं. उन्होंने ये भी कहा कि ये पार्टियां केवल उन्हीं जगहों पर चुनाव लड़ते हैं, जहां से कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया जा सकें.
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AAP ने गुजरात में कांग्रेस को पहुंचाया नुकसान
चुनाव आयोग के मुताबिक गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को 5 सीटें मिली हैं. इस बार के राज्य विधानसभा चुनाव में 'आप' को करीब 13 फीसदी वोट शेयर मिला. जिससे आप की राष्ट्रीय पार्टी बनने का रास्ता साफ हो चला है. अगले साल के अतं तक मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है. जिसमें राज्य की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस के कांटे की टक्कर है. ऐसे में एमपी के आगामी चुनाव में आप और ओवैसी की पार्टी के चुनाव लड़ने की बात सामने आने से एक और राज्य में कांग्रेस पार्टी के लिए काफी चुनौती पैदा हो सकती है. हालांकि, मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच द्विध्रुवीय राजनीति का हवाला देते हुए आप और एआईएमआईएम की उपस्थिति को बेअसर बताया जा रहा हैं.