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Image: PTI
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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कोरोना वायरस महामारी की रोकथाम के लिए जारी ‘लॉकडाउन’ को देखते हुए कंपनियों को राहत दी है. इसके तहत अब नियोक्ता मार्च का EPF एवं अपनी अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं में योगदान का भुगतान 15 मई तक कर सकते हैं. इससे छह लाख कंपनियों और 5 करोड़ से अधिक अंशधारकों को राहत मिलेगी.
EPFO की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में मार्च महीने के योगदान का भुगतान 15 अप्रैल तक किया जाना था. इसे बढ़ाकर अब 15 मई कर दिया गया है. श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कोरोना वायरस और ‘लॉकडाउन’ के कारण अप्रत्याशित स्थिति को देखते हुए मार्च महीने के वेतन के लिए इलेक्ट्रॉनिक चालान सह रिटर्न (ईसीआर) जमा करने की तारीख 15 मई 2020 की जा रही है. यह उन नियोक्ताओं के लिए है, जिन्होंने अपने कर्मचारियो को मार्च महीने का वेतन दे दिया है.’’
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एक तरह से प्रोत्साहन है यह रियायत
बयान के अनुसार मार्च 2020 के लिए ईसीआर जमा करने की अंतिम तिथि सामान्य रूप से 15 अप्रैल 2020 है. इस प्रकार, कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध कानून, 1952 (ईपीएफ एंड एमपी एक्ट) के अंतर्गत आने वाले प्रतिष्ठानों को इस साल मार्च महीने की योगदान राशि और प्रशासनिक शुल्क जमा करने को लेकर 30 दिन की अतिरिक्त मोहलत दी गई है. बयान में कहा गया है कि श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के इस निर्णय से उन नियोक्ताओं को राहत मिलेगी, जिन्होंने अपने कर्मचारियों को इस साल मार्च का वेतन वितरित कर दिया है. यह कोरोना वायरस महामारी के दौरान कर्मचारियों के वेतन भुगतान के लिए नियोक्ताओं को एक प्रोत्साहन है.
नहीं लगेगा ब्याज व जुर्माना
ईसीआर भरने में एक महीने की मोहलत से छह लाख प्रतिष्ठानों और पांच करोड़ अंशधारकों को लाभ होगा. नियोक्ताओं को ईसीआर जमा करते समय मार्च महीने के वेतन वितरण की तारीख बतानी होती है. जिन नियोक्ताओं ने अपने कर्मचारियों को मार्च महीने का वेतन दिया है, उन्हें न केवल ईपीएफ बकाया भुगतान के लिए अतिरिक्त समय दिया गया है बल्कि अगर वे 15 मई या उससे पहले इसे जमा कर देते हैं, तो उन पर ब्याज और जुर्माने की भी देनदारी नहीं बनेगी.