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One Nation One Poll : मोदी सरकार पिछले कई सालों से 'एक देश, एक चुनाव' के फॉर्मूले पर जोर दे रही है. (File Photo : Indian Express)
Law Commission working on formula to hold Lok Sabha and Assembly Polls together : मोदी सरकार चाहती है कि देश के सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ ही कराए जाएं. बीजेपी ने इसके लिए 'वन नेशन, वन इलेक्शन' यानी एक देश एक चुनाव जैसा स्लोगन भी दिया हुआ है. सरकार ने हाल ही में विधानसभाओं, स्थानीय निकायों और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने पर विचार के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय कमेटी भी बनाई है. लॉ कमीशन को इसके उपाय खोजने की जिम्मेदारी पहले से ही मिली हुई है. लेकिन अब ऐसी खबर आ रही है कि 2029 के लोकसभा चुनाव तक इस योजना पर अमल किया जा सकता है. पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि लॉ कमीशन इसके लिए सही फॉर्मूले पर विचार कर रहा है.
विधानसभाओं के कार्यकाल में करना होगा बदलाव
लॉ कमीशन के सूत्रों ने पीटीआई को बताया है कि 2029 से सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए मौजूदा विधानसभाओं का कार्यकाल बढ़ाना या घटाना पड़ सकता है. सरकार कोविंद कमेटी को लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने पर विचार करने को कह चुकी है, इसलिए लॉ कमीशन को भी अपनी सिफारिशों में स्थानीय निकाय चुनावों को शामिल करने को कहा जा सकता है. कानून मंत्रालय ने अप्रैल 2018 में लॉ कमीशन से कहा था कि वो लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने के मुद्दे पर विचार करके अपनी सिफारिशें दें.
कॉमन मतदाता सूची बनाने का प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक लॉ कमीशन लोकसभा, विधानसभाओं और स्थानीय निकायों के लिए एक कॉमन मतदाता सूची का प्रस्ताव भी तैयार कर रहा है, ताकि चुनावों की लागत कम की जा सके. फिलहाल केंद्रीय चुनाव आयोग और विभिन्न राज्यों के चुनाव आयोग यह काम अपने-अपने स्तर पर करते हैं. सूत्रों का कहना है कि जस्टिस ऋतुराज अवस्थी की अध्यक्षता वाला लॉ कमीशन साल 2029 से सभी राज्यों की विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने के लिए कुछ राज्यों की विधानसभाओं के कार्यकाल को कम करने या बढ़ाने की सिफारिश भी कर सकता है. हालांकि सूत्रों ने यह भी बताया कि सभी चुनाव एक साथ कराने के बारे में लॉ कमीशन की रिपोर्ट अब तक तैयार नहीं हुई है, क्योंकि कुछ मुद्दों का निपटारा होना अभी बाकी है.
आयोग को भरोसा एक साथ हो सकते हैं चुनाव
सूत्रों के मुताबिक लॉ कमीशन यानी विधि आयोग को इस बात का भरोसा है कि विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं और आयोग अब सिर्फ यह विचार कर रहा है कि इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं. सूत्रों ने बताया कि विधानसभा और संसदीय चुनाव कई चरणों में होते हैं, इसलिए आयोग इस बात पर भी गौर कर रहा है कि मतदाताओं को दो चुनावों के लिए मतदान करने एक से ज्यादा बार मतदान केंद्रों पर न जाना पड़े. सूत्रों के मुताबिक ऐसा सिस्टम तैयार करने की कोशिश हो रही है कि एक बार लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ कराने की व्यवस्था हो जाए, तो वोटरों को मतदान करने के लिए सिर्फ एक बार ही पोलिंग बूथ पर जाना पड़े.
तीन स्तरीय चुनाव दो चरणों में कराने पर भी विचार
लॉ कमीशन को फिलहाल सिर्फ विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ कराने के तरीकों के बारे में सुझाव देना है. जबकि रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली समिति लोकसभा, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव एक साथ कराने पर विचार कर रही है. ऐसे में लॉ कमीशन भी इस मसले पर अपनी तरफ से सुझाव दे सकता है कि तीन स्तरीय चुनाव एक साल के दौरान दो चरणों में कराए जा सकते हैं. पहले चरण में लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं, जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक कमीशन का मानना है कि देश के अलग-अलग इलाकों में मौसम के अलग-अलग मिजाज को देखते हुए भी यह एक व्यावहारिक रास्ता हो सकता है.