/financial-express-hindi/media/post_banners/ELJjLJiipk8rlNIWU2Ys.jpg)
'हर घर नल का जल'स्कीम के तहत अधिकतर प्रोजेक्ट को पीएचईडी (पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट) इंप्लीमेंट करती है. पीएचईडी हर कांट्रैक्ट के लिए कंपनियों या कांट्रैक्टर्स को 30-57 लाख रुपये आवंटित करती है.
Har Ghar Nal Ka Jal: हर घर पीने का पानी पहुंचाने की बिहार की फ्लैगशिप योजना 'हर घर नल का जल' में राजनीतिक संरक्षण के मामले सामने आ रहे हैं. इंडियन एक्सप्रेस के खुलासे की पहली कड़ी में बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता तारकिशोर प्रसाद का नाम सामने आया कि उनके परिवार व करीबियों को इस योजना के तहत 53 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट आवंटित किए गए. अब खुलासे की दूसरी कड़ी में सामने आया है कि इस योजना के तहत समस्तीपुर से मधुबनी और जमुई से शेखपुरा के करीब 20 जिलों में जदयू और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के संबंधियों को प्रोजेक्ट अलॉट किए गए. जदयू के पूर्व राज्य सचिव अनिल सिंह के परिवार को 80 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट आवंटित किए गए. इसके अलावा राजनीतिक संरक्षण देने के मामले में एक राजद नेता का भी नाम सामने आया है. इस मामले को लेकर विपक्ष ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद का इस्तीफा मांगा है. कांग्रेस ने पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री शाह पर भी निशाना साधा है.
इस स्कीम के तहत अधिकतर प्रोजेक्ट्स को पीएचईडी (पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट) इंप्लीमेंट करती है. पीएचईडी हर कांट्रैक्ट के लिए कंपनियों या कांट्रैक्टर्स को 30-57 लाख रुपये आवंटित करती है. डिपार्टमेंट कार्य के दौरान 60-65 फीसदी राशि देती है और शेष 35-40 फीसदी राशि पांच साल में मेंटनेंस के लिए समान किश्तों में दी जाती है.
नेताओं के परिजनों को मिले करोड़ों के प्रोजेक्ट्स
- बिहार की फ्लैगशिप स्कीम 'हर घर नल का जल' स्कीम के तहत सामने आया है कि उपमुख्यमंत्री व बीजेपी नेता तारकिशोर प्रसाद के परिवार व करीबियों को 53 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट अलॉट किया गया. योजना के तहत प्रसाद की बहू और उनके साल व अन्य से जुड़ी दो कंपनियों को प्रोजेक्ट दिए गए.
- अब तक हुए खुलासे में सबसे ऊपर नाम जदयू के पूर्व राज्य सचिव अनिल सिंह का है जो अभी भी राज्य की राजनीति में प्रभावी भूमिका में हैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सभी प्रमुख कार्यक्रमों में उपस्थित रहते हैं. अनिल सिंह के परिवार को इस स्कीम के तहत 80 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट आवंटित किए गए.
- बीजेपी विधायक विनोद नारायण झा के भतीजे को 2019-20 में 3.5 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट दिए गए जब उनके चाचा पीएचईडी मंत्री थे.
- राजद के स्टेट जनरल सेक्रेटरी राजीव कमल उर्फ रिंकू सिंह को जमुई में 4.5 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट आवंटित हुए.
- पूर्व पीएचईडी मिनिस्टर और बीजेपी विधायक विनोद नारायण झा के भतीजे को 3.5 करोड रुपये के प्रोजेक्ट मिले.
- बीजेपी प्रवक्ता राजन तिवारी की कंपनी को 17 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट अलॉट किए गए.
- बीजेपी बिजनेस सेल के पूर्व स्टेट को-ऑर्डिनेटर मनोज गुप्ता की कंपनी को 23 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट अलॉट किए गए.
ADB ने घटाया भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान, कोरोना की दूसरी लहर का असर
सरकार का ये है पक्ष
बिहार के उपमुख्यमंत्री के करीबियों को 'हर घर नल का जल' योजना के तहत प्रोजेक्ट आवंटित किए जाने को लेकर राज्य सरकार ने कहा है कि अगर कोई शिकायत मिलती है तो बिडिंग व टेंडर प्रक्रिया की जांच की जाएगी. पीएचईडी मंत्री रामप्रीत पासवान ने कहा कि राजनीतिज्ञों को भी सरकारी कांट्रैक्ट पाने का हक है लेकिन प्रक्रिया के तहत. बुधवार की देर रात प्रसाद ने राज्य के एक और डिप्टी सीएम रेणू देवी के आवास पर बिहार बीजेपी के शीर्ष नेताओं की बैठक में हिस्सा लिया और इंडियन एक्सप्रेस को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में खुलासे को लेकर चर्चा हुई.
पीएचईडी इंजीनियर-इन-चीफ और स्पेशल सेक्रेटरी दया शंकर मिश्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को भेजे गए पत्र में कहा है कि इस योजना के तहत कटिहार जिले में प्रावधानों के मुताबिक ही पारदर्शी तरीके से टेंडर की प्रक्रिया पूरी की गई है. उन्होंने कहा कि अगर कोई शिकायत मिलती है तो कठोर कार्रवाई की जाएगी. बिहार बीजेपी के प्रमुख संजय जायसवाल ने प्रसाद का बचाव करते हुए कहा है कि उनके करीबियों को कांट्रैक्ट्स 2019-20 में मिले, जब वह उपमुख्यमंत्री नहीं बल्कि कटिहार में विधायक थे.
विपक्ष ने मांगा उपमुख्यमंत्री का इस्तीफा
- बुधवार को विपक्ष नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दी है. तेजस्वी ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और नीतीश कुमार समय-समय पर 'हर घर नल का जल' योजना की निगरानी की बात करते रहे हैं लेकिन क्या अब वह प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई करेंगे? तेजस्वी ने निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश कुमार अनुकंपा पर मुख्यमंत्री बने हैं और एनडीए नेताओं के खिलाफ एक्शन नहीं ले सकते हैं.
- वहीं नई दिल्ली में कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इस योजना को 'हर नेता ठेका योजना' कहते हुए बिहार सरकार और बीजेपी नेतृत्व पर सवाल उठाए हैं. सुरजेवाला ने नीतीश कुमार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए पूछा है कि क्या यह कांफ्लिक्ट ऑफ इंटेरेस्ट का मामला नहीं है और क्या तारकिशोर प्रसाद को तत्काल इस्तीफा नहीं देना चाहिए? सुरजेवाला ने सवाल उठाए हैं कि क्या जेपी नड्डा को तत्काल इस्तीफा नहीं देना चाहिए? उन्होंने पूछा है कि क्या पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सामने आकर भ्रष्टाचार के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए?