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रेलवे ने चलाई सबसे लंबी मालगाड़ी, एक बार में 27 हजार टन कोयला ढोकर बनाया रिकॉर्ड

रेलवे ने 3.5 किमी लंबी मालगाड़ी छत्तीसगढ़ के कोरबा से महाराष्ट्र के राजनांदगांव तक चलाई. इस मालगाड़ी को रेलवे ने ‘सुपर वासुकि’ नाम दिया है.

रेलवे ने 3.5 किमी लंबी मालगाड़ी छत्तीसगढ़ के कोरबा से महाराष्ट्र के राजनांदगांव तक चलाई. इस मालगाड़ी को रेलवे ने ‘सुपर वासुकि’ नाम दिया है.

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FE Hindi Desk
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रेलवे ने अब तक की सबसे लंबी 'सुपर वासुकि' मालगाड़ी चलाकर नई उपलब्धि हासिल की है.

Longest Freight Train Test Run : रेलवे ने अब तक की सबसे लंबी मालगाड़ी चलाकर नई उपलब्धि हासिल की है. 3.5 किलोमीटर लंबी इस मालगाड़ी को ‘सुपर वासुकि’ नाम दिया गया है. कुल 295 डिब्बों वाली इस ट्रेन ने एक बार में 27 हजार टन कोयले की ढुलाई करके एक रिकॉर्ड बना दिया है. 

रेलवे ने यह ट्रेन सोमवार को छत्तीसगढ़ के कोरबा से महाराष्ट्र में नागपुर के पास राजनांदगांव तक चलाई. इस ट्रेन का परीक्षण आजादी का अमृत महोत्सव के मौके पर किया गया. 

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अब तक की यह सबसे लंबी मालगाड़ी साउथ ईस्ट सेंट्रल रेलवे के कोरबा से दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर खुली और 267 किमी दूरी तय करके अगली सुबह 11 बजकर 20 मिनट पर नागपुर के पास राजनांदगांव पहुंच गई. भारतीय रेलवे का कहना है कि उसने इतनी लंबी और इतना ज्यादा वजन ढोने वाली मालगाड़ी पहली बार चलाई है. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि यह मालगाड़ी इतनी लंबी है कि एक स्टेशन को पार करने में इसे पूरे चार मिनट लगे. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि इस सुपर मालगाड़ी को तैयार करने के लिए पांच मालगाड़ियों के बराबर डिब्बे इसमें जोड़े गए हैं.

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रेलवे के अफसरों के मुताबिक सुपर वासुकि मालगाड़ी से एक बार में जितना कोयला ढोया जा सकता है, उतना 3000 मेगावाट के पावर प्लांट को पूरे दिन चलाने के लिए काफी है. बता दें कि आमतौर पर एक सामान्य मालगाड़ी 9 हजार टन कोयले की ढुलाई करती है. यानी सुपर वासुकि की कोयला ढोने की क्षमता आम मालगाड़ी के मुकाबले तीन गुनी है. 

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इस सुपर मालगाड़ी के परीक्षण का मकसद बिजली बनाने वाले पावर प्लांट्स को कोयले की आपूर्ति को बेहतर बनाना है. पिछले एक साल के दौरान कई बार ऐसे हालात पैदा हुए जब पावर प्लांट्स में कोयले की सप्लाई को बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई. इस तरह की बड़ी मालगाड़ी ऐसे हालात में काफी मददगार साबित हो सकती है. अफसरों का कहना है कि जल्द ही रेलवे सुपर वासुकि जैसी और मालगाड़ियां भी चलाएगा. खास तौर पर उस समय जब पावर प्लांट्स में कोयले की कमी होती है.

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