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Image: PTI
हवाई यात्रा के मामले में सरकार ने मई माह में इकोनॉमी क्लास की सीटों के लिए लोअर फेयर लिमिट तय की थी. अब नागर विमानन मंत्रालय ने प्रीमियम इकोनॉमी क्लास सीटों के लिए भी लोअर फेयर लिमिट को लागू करने का फैसला किया है. मंत्रालय ने कहा है कि हालांकि इकोनॉमी क्लास सीटों के लिए सरकार द्वारा तय अपर फेयर लिमिट, इकोनॉमी क्लास सीट्स पर लागू नहीं होगी. मंत्रालय ने इस बारे में 5 अक्टूबर को एक आदेश जारी किया.
बता दें कि नागर विमानन मंत्रालय ने 21 मई को 7 बैंड के जरिए घरेलू हवाई यात्रा के किराए पर लोअर व अपर लिमिट तय की थी. ये 7 बैंड फ्लाइट की ड्यूरेशन के आधार पर तय किए गए थे और 24 अगस्त तक लागू थे. लेकिन बाद में समयावधि बढ़ाकर इन्हें 24 नवंबर तक लागू कर दिया गया. भारत में 25 मई से घरेलू हवाई यात्रा फिर शुरू हो गई है.
भारतीय विमानन कंपनियों में केवल विस्तारा की फ्लाइट्स में प्रीमियम इकोनॉमी क्लास सीट्स हैं. 21 मई के अपने आदेश में बदलाव करते हुए मंत्रालय ने 5 अक्टूबर के आदेश में कहा कि लोअर फेयर बैंड प्रीमियम इकोनॉमी क्लास की सीटों पर लागू होगा.
हवाई किराए के 7 बैंड
पहले बैंड में वे उड़ानें हैं, जिनकी ड्यूरेशन 40 मिनट से कम की है. दूसरे, तीसरे, चौथे बैंड में वे उड़ानें हैं, जिनकी ड्यूरेशन क्रमश: 40-60 मिनट, 60-90 मिनट, 90-120 मिनट और 120-150 मिनट है. छठें व सातवें बैंड में वे उड़ानें रखी गई हैं, जिनकी ड्यूरेशन क्रमश: 150-180 और 180-210 मिनट है. इनमें से किस बैंड में हवाई किराया मिनिमम और मैक्सिमम कितना है, उसकी लिस्ट इस तरह है-
विमानन कंपनियों के लिए यह कदम अनिवार्य
सरकारी आदेश के मुताबिक, इन हवाई किरायों में UDF, PSF और GST शामिल नहीं है. मंत्रालय ने मई माह में ही यह स्पष्ट कर दिया था कि हर विमानन कंपनी को फ्लाइट्स के लिए कम से कम 40 फीसदी सीटें लोअर व अपर एयर फेयर लिमिट के बीच के अमाउंट से कम पर बेचनी होंगी. उदाहरण के तौर पर 3500 और 10000 रुपये के बीच का स्तर 6700 रुपये है. इसलिए 40 फीसदी सीट 6700 रुपये से कम के किराए पर होंगी.