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तेल मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को यह जानकारी दी. (File Pic)
घरेलू रसोई गैस LPG की कीमतें पिछले सात सालों में दोगुनी होकर 819 रुपये प्रति सिलेंडर पर पहुंच गई हैं. जबकि पेट्रोल और डीजल पर टैक्स में बढ़ोतरी से कलेक्शन में 459 फीसदी से ज्यादा का इजाफा हुआ है. तेल मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने सोमवार को यह जानकारी दी. लोकसभा में बढ़ती तेल की कीमतों पर सवालों के जवाब देते हुए, लिखित उत्तर में प्रधान ने कहा कि घरेलू गैस की रिटेल बिक्री की कीमत 1 मार्च 2014 को 410.5 रुपये प्रति 14.2 किलोग्राम सिलेंडर थी. इस महीने सिलेंडर की कीमत 819 रुपये पर पहुंच गई है.
सिलेंडर की कीमत पिछले कुछ महीनों में बढ़ी: प्रधान
प्रधान ने कहा कि घरेलू सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत में पिछले कुछ महीनों के दौरान बढ़ोतरी हुई है. इसकी कीमत दिसंबर 2020 में 594 रुपये प्रति सिलेंडर थी और अब 819 रुपये पर है. इसी तरह, पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम (PDS) के जरिए गरीबों को बेचे जाने वाले किरोसीन की कीमत मार्च 2014 की 14.96 रुपये प्रति लीटर से बढ़कर इस महीने 35.35 रुपये पर पहुंच गई है.
पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी पूरे देश में अपने रिकॉर्ड स्तर पर हैं. दरें, जो राज्य से राज्य लोकल सेल्स टैक्स (VAT) पर निर्भर करती हैं, वर्तमान में पेट्रोल के लिए 91.17 रुपये प्रति लीटर और डीजल के लिए 81.47 रुपये प्रति लीटर हैं.
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पेट्रोल और डीजल की कीमतें बाजार निर्धारित: प्रधान
प्रधान ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों को क्रमश: 26 जून 2010 और 19 अक्टूबर 2014 से बाजार निर्धारित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि उस समय से पब्लिक सेक्टर की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (OMCs) पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर उनकी अंतरराष्ट्रीय उत्पाद की कीमतों, एक्सचेंज रेट, टैक्स स्ट्रक्चर, इनलैंड फ्राइट और अन्य के आधार पर उपयुक्त फैसला लेती हैं.
मंत्री ने कहा कि दोनों तेल पर जमा टैक्स 2013 में 52,537 करोड़ रुपये था जो 2019-20 में बढ़कर 2.13 लाख करोड़ रुपये हो गया. और वर्तमान वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में और बढ़कर 2.94 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.