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Lunar Eclipse 2022: कल होगा साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, भारत में कब और कहां से दिखेगा ये नज़ारा

Chandra Grahan 2022: यह बहुत ही दुर्लभ संयोग है कि सूर्य ग्रहण के करीब 15 दिनों के बाद ही चंद्र ग्रहण हो रहा है. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो ऐसा संयोग महाभारत के युद्ध से पहले बना था.

Chandra Grahan 2022: यह बहुत ही दुर्लभ संयोग है कि सूर्य ग्रहण के करीब 15 दिनों के बाद ही चंद्र ग्रहण हो रहा है. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो ऐसा संयोग महाभारत के युद्ध से पहले बना था.

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FE Hindi Desk
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Lunar Eclipse 2022 | Chandra Grahan 2022 |

Chandra Grahan 2022 Date and Time in India: देश में ग्रहण को लेकर कुछ नियमों का पालन किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए इस दौरान मंत्रों का जाप किया जाता है.

Lunar Eclipse on November 8: कल यानी 8 नवंबर को साल का आखिरी और दूसरा चंद्र ग्रहण होगा. ग्रहण से 9 घंटे पहले के समय को सूतक काल माना जाता है. यह सूतक काल सुबह 8.30 बजे से शुरू हो रहा है. सूतक काल की वजह से देशभर में मंदिरों के कपाट नहीं खोले जाएंगे. यह ग्रहण भारत समेत दुनिया के कई देशों में देखा जा सकता है. भारत में यह चंद्र ग्रहण शाम 05:20 से 06:20 बजे पर देखा जाएगा.

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भारत में चंद्र ग्रहण

भारत में चंद्र ग्रहण का प्रभाव 05:20 बजे से शुरू होकर शाम 06:20 बजे तक माना जा रहा है. यह साल का आखिरी ग्रहण है. खगोलविज्ञान में रूचि रखने वाले लोग शाम को करीब 05:20 बजे इसे देख सकते हैं. देश के पूर्वी राज्यों में पूर्ण और बाकी हिस्सों में आंशिक चंद्र ग्रहण दिखाई देगा.

धार्मिक मान्यताएं 

देश में ग्रहण को लेकर कुछ नियमों का पालन किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं में ग्रहण को अशुभ माना जाता है, इसलिए ग्रहण और उससे पहले लगने वाले सूतक में कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता है. इस दौरान गर्भवती स्त्रियों को विशेष तौर पर सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है. धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से गर्भवती महिलाओं को ग्रहण को नहीं देखना चाहिए और न ही इस दौरान सोना या भोजन का सेवन करना चाहिए. अगर कोई मेडिकल परेशानी है, तो खाने में तुलसी के पत्ते डालकर ग्रहण के प्रभाव को कम किया जा सकता है. इसके साथ ही ग्रहण के प्रभाव से बचने के लिए इस दौरान मंत्रों का जाप किया जाता है. हालांकि इस दौरान मंदिर के कपाट बंद कर दिये जाते हैं और पूजा पर पूर्ण रूप से रोक होती है.

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इससे पहले दिवाली के एक दिन बाद यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण हुआ था. इस ग्रहण की वजह से गोवर्धन पूजा और भाई दूज के त्योहार एक दिन बाद मनाये गए थे. इस साल गोवर्धन पूजा 25 की जगह 26 और भाई दूज 26 के स्थान पर 27 अक्टूबर को मनाये गए थे.

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