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Image: Reuters
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Lunar Eclipse july 2020: आज 5 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के दिन लगा चंद्रग्रहण खत्म हो चुका है. यह ग्रहण आंशिक था. इसे उपच्छाया ग्रहण भी कहा जाता है. यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं दिया. चंद्रग्रहण तब होता है जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्वी आ जाती है. ग्रहण की शुरुआत भारतीय समयानुसार सुबह 08:38 बजे से हुई. इसका परमग्रास 09:59 बजे हुआ और सुबह 11:21 बजे यह ग्रहण खत्म हो गया. इस प्रकार ग्रहण की कुल अवधि 02 घंटे 43 मिनट की रही. अब अगला चंद्र ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा.
बात दें, इस साल छह ग्रहण लगने वाले हैं. इनमें चार चंद्र गहण और दो सूर्य ग्रहण है. साल पहला ग्रहण 10-11 जनवरी को चंद्र ग्रहण लगा था. दूसरा 5 जून को था, वह भी चंद्र गहण था. इसके बाद 21 जून को सूर्य ग्रहण लगा. चौथा ग्रहण आज लगने वाला है. इसके अलावा, पांचवा ग्रहण 30 नवंबर को लगेगा, जो चंद्रग्रहण होगा और छठा ग्रहण 14 दिसंबर को लगेगा, जो कि सूर्यग्रहण होगा.
क्या है उपच्छाया चंद्र ग्रहण?
हर ग्रहण से पहले चंद्रमा, पृथ्वी की परछाईं में प्रवेश करता है, जिसे उपच्छाया कहते हैं. इसके बाद ही चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है. जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तब वास्तविक ग्रहण होता है. लेकिन कई बार चंद्रमा धरती की वास्तविक छाया में जाए बिना, उसकी उपच्छाया से ही बाहर निकल आता है.
जब चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया न पड़कर केवल उसकी उपछाया मात्र ही पड़ती है, तब उपच्छाया चंद्र ग्रहण होता है. इसमें चंद्रमा के आकार में कोई अंतर नहीं आता है. इसमें चंद्रमा पर एक धुंधली सी छाया नजर आती है.
दरअसल, ग्रहण एक सामान्य खगोलीय घटना है. जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आता है तो 'सूर्य ग्रहण' लगता है. वहीं सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने पर 'चंद्र ग्रहण' लगता है. सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या और चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन होता है.