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MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश में बीजेपी-कांग्रेस में जुबानी जंग जारी, सोशल मीडिया पर हो रहे वार-पलटवार

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्यपदेश में भाजपा जहां अपने शासन के दौरान किये गए कार्यों को जनता के बीच ले जा रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस आने वाले सालों में भाजपा से बेहतर कार्य करने का वादा कर रही है

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्यपदेश में भाजपा जहां अपने शासन के दौरान किये गए कार्यों को जनता के बीच ले जा रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस आने वाले सालों में भाजपा से बेहतर कार्य करने का वादा कर रही है

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FE Hindi Desk
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Madhya Pradesh Assembly Election 2023: आज भाजपा ने ट्वीटर पर कई सीरिज में ट्वीट कर कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है. वहीं, कांग्रेस भी भाजपा पर जमकर हमला करती नजर आ रही है.

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: इस साल नवंबर में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव नजदीक आता देख सभी पार्टियां वोटरों को लुभाने की कोशिश में जुट गई हैं. एक ओर जहां बीजेपी अपने शासनकाल में किए गए कामों को जनता के बीच ले जा रही है, वहीं कांग्रेस आने वाले सालों में बीजेपी से बेहतर काम करने का वादा कर रही है. इस बीच प्रदेश बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच जुबानी जंग भी शुरू हो गई है. आज यानी शुक्रवार को बीजेपी ने ट्विटर पर कई सिलसिलेवार ट्वीट कर कांग्रेस पर तंज कसा है. वहीं, कांग्रेस भी बीजेपी पर जमकर हमला बोलती नजर आ रही है.

कांग्रेस के कथित मतभेद पर भाजपा का हमला 

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आज भाजपा ने ट्वीटर पर एक पोस्टर जारी किया है जिसमें उसने कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच जारी कथित मतभेद को लेकर कटाक्ष किया है. ‘कलह का नाम कांग्रेस’ नाम से किये पोस्ट में भाजपा ने कांग्रेस के कई बड़े नेताओं का नाम लेकर हमला किया है. पोस्ट में लिखा गया है कि टीएस सिंहदेव को भूपेश बघेल पर, सचिन पायलट का अशोक गहलोत पर, उमंग सिंघार का कमलनाथ पर और सचिन पायलट का अशोक गहलोत पर विश्वास नहीं है. दूसरी तरफ 11 लाख किसानों के 2112 करोड़ का ब्याज माफ़ करने वाले खबर को हाईलाइट करते हुए भाजपा ने लिखा है कि’ किसानों से कर्जमाफी के नाम पर कांग्रेस ने किया था विश्वासघात, किसानों की हमदर्द भाजपा हर पल खड़ी है किसान भाइयों के साथ. 'कमलनाथ पर भाजपा ज्यादा टार्गेट कर रही है. पार्टी ने एक वीडियो पोस्ट कर लिखा है कि ‘एमपी का लूटा है एक-एक आना, नाम इसका भूल न जाना.’

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कांग्रेस भी आई एक्शन मोड में नजर 

गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने ठेकेदारों द्वारा ग्वालियर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखे पत्र को ट्विटर पर शेयर किया हैै, जिसमें मध्यप्रदेश के लघु ठेकेदार संघ ने मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में कहा कि राज्य में 50 फीसदी कमीशन देने पर ही भुगतान मिलता है. कांग्रेस के सीनियर लीडर दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में खुलेआम लूट मची हुई है. अधिकारियों से ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए 50 फीसदी  तक कमीशन लिया जा रहा है. आज वहां मुख्यमंत्री निवास से कॉल जाता है और पूछा जाता है कि- कौन सी पोस्टिंग चाहिए? भ्रष्टाचार का मेन्यू कार्ड लगा हुआ है. इतना भ्रष्टाचार हमने अपने जीवन में कभी नहीं देखा. कांग्रेस ने इसको लेकर कथित सबूत भी सोशल मीडिया पर शेयर किया है. कांग्रेस ने "शिवराज हटाओ, भ्रष्टाचार मिटाओ" नाम से एक टैग लाइन भी दिया है. इस बीच कांग्रेस ने मध्यप्रदेश के लोगों से पांच वादे भी किये हैं जिसे ‘पञ्च वचन’ कहा जा रहा है. कांग्रेस ने ट्वीट किया है, ‘कमलनाथ के साथ, किसानों को पांच सौग़ात.’ इसमें 5 हॉर्स पावर का बिल माफ करना, बिजली का बकाया बिल माफ करना, किसानों का क़र्ज़ा माफ करना और आंदोलनों के मुक़दमे माफ करना जैसे मुद्दे शामिल हैं.

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2003 से राज्य में सत्ता में है भाजपा 

1956 में मध्यप्रदेश को उसके पहले सीएम रविशंकर शुक्ल के मिले. तब से अब तक राज्य में 14 चुनाव हो चुके हैं, जिसमें 32 साल कांग्रेस सत्ता में रही. एमपी में भाजपा की पहली सरकार 1977 में बनी और इसके बाद वह फिर से 1990 में सत्ता में आई. इसके बाद साल 2003 में भाजपा उमा भारती के नेतृत्व में फिर से सत्ता में आई और तब से पार्टी लगातार एमपी में शासन कर रही है. राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान करीब 17-18 साल से सत्ता में हैं. हालांकि साल 2018 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 114 सीटें जीतीं और सरकार बनाई थी. लेकिन मार्च 2020 में, ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने के बाद कमलनाथ सरकार गिर गई और भाजपा की सिर्फ 15 महीने बाद सत्ता में फिर से वापसी हुई. इसके बाद नवंबर 2020 में हुए उपचुनावों में भाजपा ने 28 विधानसभा सीटों में से 19 सीटें जीतीं. उन 15 महीनों को छोड़कर, भाजपा 2003 से राज्य में

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