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Madhya Pradesh Chunav 2023 Polling Today: मध्य प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर आज यानी शुक्रवार 17 नवंबर को मतदान हो रहा है. (Representative Image: ANI)
Madhya Pradesh Assembly Election 2023, Voting starts at 7 am : मध्य प्रदेश की अगली सरकार चुनने की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है. शुक्रवार, 17 नवंबर की सुबह 7 बजे से राज्य की सभी 230 विधानसभा सीटों के लिए मतदान शुरू हो जाएगा, जो शाम 6 बजे तक चलेगा. राज्य के 5 करोड़ 60 लाख से ज्यादा मतदाता तय करेंगे कि मध्य प्रदेश की सत्ता इस बार किसके हाथ में सौंपनी है. 2018 के पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश की जनता ने कमान कांग्रेस के हाथ में सौंपी थी, लेकिन उसके कुछ विधायकों के पाला बदलने के बाद राज्य में बीजेपी की सरकार बन गई. लिहाजा सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस बार प्रदेश के मतदाता किसके पक्ष में फैसला सुनाते हैं. मध्य प्रदेश भी देश के उन राज्यों में शामिल है, जहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होता आया है. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे भी बाकी 4 राज्यों के साथ 3 दिसंबर को ही आएंगे.
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान
मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने गुरुवार को कहा कि राज्य विधानसभा चुनाव के लिए राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा. राज्य में तीन जिले नक्सल प्रभावित हैं जिनमें बालाघाट, मंडला और डिंडोरी शामिल हैं. बालाघाट जिले में आने वाले विधानसभा क्षेत्र बैहर, लांजी और परसवाड़ा में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा. इसके साथ ही मंडला जिले के 55 और डिंडौरी जिले के 40 मतदान केंद्रों पर भी सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान होगा. राज्य के बाकी इलाकों में मतदान सुबह 7:00 बजे शुरू होगा और शाम 6:00 बजे समाप्त होगा.
मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि मतदान से पहले राज्य के सभी केंद्रों पर मॉक पोल कराए जाएंगे. ये मॉक पोल मतदान एजेंटों की मौजूदगी में मतदान शुरू होने से 90 मिनट पहले कराए जाते हैं. अधिकारी ने बताया कि आज राज्य के सभी मतदान केंद्रों पर मतदान दलों को भेज दिया गया है. उन्होंने बताया कि राज्य में कुल 64,626 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. राजन ने यह भी बताया कि चुनाव आयोग ने राज्य में चुनाव के दौरान आपातकालीन सेवाओं के लिए एक एयर एंबुलेंस और दो हेलिकॉप्टर भी तैनात किए हैं.
कांग्रेस के कमलनाथ के मुकाबले बीजेपी का चेहरा कौन?
लोकसभा चुनाव से करीब छह महीने पहले हो रहे ये चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं. भाजपा ने इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करने की जगह पीएम मोदी के चेहरे और प्रदेश के कई बड़े नेताओं के 'सामूहिक नेतृत्व' को अहमियत दी है. बीजेपी ने अपने 3 केंद्रीय मंत्रियों, 4 सांसदों और एक राष्ट्रीय महासचिव को भी विधानसभा चुनाव के मैदान में उतारा है. इन सभी को मुख्यमंत्री पद के दावेदारों के तौर पर देखा जा रहा है. दूसरी तरफ, कांग्रेस में कमलनाथ इस पद के लिए इकलौती पसंद बने हुए हैं, जिससे पार्टी में इस मसले पर कोई असमंजस नहीं है.
कुल 2,533 उम्मीदवार मैदान में
मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए कुल 2,533 उम्मीदवार मैदान में हैं. इन सीटों पर कुल मिलाकर 5,60,60,925 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे, जिनमें 2,88,25,607 पुरुष, 2,72,33,945 महिलाएं और 1,373 थर्ड जेंडर के वोटर शामिल हैं. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए राज्य में कुल 64,626 पोलिंग बूथ यानी मतदान केंद्र बनाए गए हैं. शुक्रवार को होने वाले चुनाव के लिए चुनाव प्रचार बुधवार शाम को ही थम गया था. मध्य प्रदेश के नक्सल प्रभावित बालाघाट, मंडला और डिंडोरी जिलों को छोड़कर राज्य में चुनाव प्रचार बुधवार को शाम 6 बजे समाप्त हो गया था.
चुनाव प्रचार में इन नेताओं ने लगाई ताकत
चुनाव प्रचार के आखिरी दिन बीजेपी की तरफ से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बीजेपी के लिए चुनाव प्रचार में हिस्सा लिया. उससे एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इंदौर में तीन चुनावी रैलियों को संबोधित किया और रोड शो किया. केंद्रीय गृह मंत्री और भाजपा के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह ने भी मंगलवार को जबलपुर में इतनी ही संख्या में सभाओं को संबोधित किया और रोड शो किया. कांग्रेस की तरफ से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने आखिरी दिन प्रचार किया. जबकि राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश में उससे एक दिन पहले मंगलवार को कांग्रेस का प्रचार किया. मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सहित कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी लगातार अपने उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अंतिम दिन अपने उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किया.