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Madhya Pradesh Traders Strike: इस हड़ताल से मध्य प्रदेश की मंडियों में हर दिन कम से कम 400 करोड़ रुपये का कारोबार ठप होगा. (Representative Photo)
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में मंडी शुल्क घटाने को लेकर व्यापारियों ने 230 कृषि उपज मंडियों में सोमवार से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी. व्यापारियों के एक महासंघ ने यह जानकारी दी. बताया जा रहा है कि प्रदेश के व्यापारी मंडी शुल्क घटाने समेत अपनी 11 प्रमुख मांगो को लेकर हड़ताल पर जा रहे हैं. भारी संख्या में व्यापारियों की तरफ से विरोध उठने के कारण भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर समेत पूरे मध्य प्रदेश की 230 मंडियां अनिश्चितकाल के लिए बंद रहने वाली है. अपनी मांगों को लेकर अड़े प्रदेश के करीब 40,000 व्यापारी अनाज की खरीदी भी नहीं करेंगे. इस हड़ताल से मध्य प्रदेश की मंडियों में हर दिन कम से कम 400 करोड़ रुपये का कारोबार ठप होगा.
व्यापारियों की ये प्रमुख हैं मांगे
- मध्य प्रदेश के व्यापारियों की मांग है कि मंडी समितियों में पूर्व से आवंटित भूमि या संरचनाओं पर भूमि एवं संवरचना आवंटन नियम-2009 लागू नहीं किया जाए.
- मंडी फीस दर घटाकर 1 फीसदी की जाए.
- कलेक्टर गाइडलाइन से लीज दरों का निर्धारण नहीं रखकर नामिनल दरें रखी जाए.
- निराश्रित शुल्क समाप्त किया जाए.
- कृषक समिति प्रतिभूति बढ़ाने के दवाब पर रोक लगाई जाए.
- मंडी अधिनियम की धारा 19(2), धारा 19(8), धारा 46(ड) एवं धारा 46(च) में संशोधन-2 हटाया जाए.
- मंडी समितियों को धारा 17(2)(14) और 30 में प्रदत्त अधिकारी एवं शक्तियों को यथावत रखा जाए.
- धारा 23 के अंतर्गत गाड़ियों को रोकने की शक्ति प्रावधान की परिधि के बाहर जाकर मंडी बोर्ड कार्यालय स्तर से गठित किए जाने वाले जांच दलों पर रोक लगाई जाए
- लाइसेंस प्रतिभूति की अनिवार्यता हटाई जाए.
- वाणिज्य संव्यवहार की पृथक अनुज्ञप्ति व्यवस्था एवं निर्धारण फीस 25000 रुपये की वृद्धि समाप्त कर पूर्व फीस 5000 रुपये बहाल की जाए.
- लेखा सत्यापन/पुन: लेखा सत्यापन की कार्रवाई खत्म की जाए.
हड़ताल से हर दिन 400 करोड़ का कारोबार होगा ठप
मध्यप्रदेश सकल अनाज दलहन तिलहन व्यापारी महासंघ समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने कहा, "हम लंबे समय से मांग कर रहे हैं कि किसानों से फसलों की खरीद पर कारोबारियों से 1.5 फीसदी की दर से वसूला जा रहा मंडी शुल्क घटाया जाए, लेकिन प्रदेश सरकार तमाम आश्वासनों के बावजूद इस विषय में हमसे हर बार छलावा करती रही है.’’ उन्होंने बताया कि हड़ताली व्यापारियों की मांगों में मंडियों में कारोबारियों को आवंटित सरकारी भूखंडों के भू-भाटक (लीज रेंट) में कमी और निराश्रित सहायता शुल्क की वसूली खत्म किया जाना भी शामिल है.
व्यापारी समिति के अध्यक्ष गोपालदास अग्रवाल ने कहा, " जब तक हमारी ये मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक राज्य की 230 कृषि उपज मंडियों में करीब 40,000 व्यापारी न तो माल खरीदेंगे, न ही बेचेंगे.’’ उन्होंने दावा किया कि व्यापारियों की इस हड़ताल से सूबे की मंडियों में हर दिन कम से कम 400 करोड़ रुपये का कारोबार ठप होगा.