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Maharashtra: अजित पवार ने 30 जून को चुनाव आयोग को लिखी थी चिट्ठी, 'असली' NCP होने का किया था दावा : सूत्र

Maharashtra Political Tussle: शरद पवार की तरफ से जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को चुनाव आयोग को ईमेल भेजकर रखा अपना पक्ष, 9 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की दी जानकारी.

Maharashtra Political Tussle: शरद पवार की तरफ से जयंत पाटिल ने 3 जुलाई को चुनाव आयोग को ईमेल भेजकर रखा अपना पक्ष, 9 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने की दी जानकारी.

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FE Hindi Desk
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Maharashtra: चुनाव आयोग को आज राकांपा सांसदों, विधायकों और एमएलसी से लगभग 40 हलफनामे प्राप्त हुए जो 30 जून को लिखे गए थे. (Express Photo By Ganesh Shirsekar)

Maharashtra Political Tussle: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में जारी सियासी घमासान के बीच अध्यक्ष शरद पवार के खिलाफ उनके भतीजे अजित पवार की तरफ से चले गए एक नए दांव की जानकारी सामने आई है. सूत्रों के हवाले से आ रही खबर के मुताबिक अजित पवार ने रविवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने से दो दिन पहले 30 जून को ही चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिख दी थी, जिसमें उन्होंने अपने गुट को असली एनसीपी के तौर पर मान्यता दिए जाने की मांग की थी. चुनाव आयोग के सूत्र का हवाला देते हुए इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी खबर में बताया है कि अजित पवार गुट ने चुनाव आयोग को पार्टी के सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों (MLC) समेत 40 नेताओं के हलफनामे भी भेजे हैं. खबर के मुताबिक ये हलफनामे आयोग को आज यानी बुधवार 5 जुलाई को मिले हैं, लेकिन उन पर तारीख 30 जून की है. इनके अलावा चुनाव आयोग को एक ऐसा पत्र भी प्राप्त हुआ है, जिसमें अजित पवार को एनसीपी का नया अध्यक्ष चुने जाने का दावा किया गया है. हालांकि इस पत्र पर कोई तारीख नहीं लिखी है.

क्या है मामला?

एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार रविवार को आठ अन्य एनसीपी विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो चुके हैं. इस बीच, शरद पवार की तरफ से कार्रवाई करते हुए भाजपा से हाथ मिलाने वाले नेताओं को एनसीपी की सदस्यता से हटाया जा चुका है. अजित पवार ने चुनाव आयोग को यह चिट्ठी चुनाव चिह्न (रिजर्वेशन और एलॉटमेंट) ऑर्डर (Election Symbols Reservation and Allotment Order 1968) के पैरा 15 के तहत कार्रवाई के लिए अनुरोध करते हुए भेजी है. चुनाव आयोग का यह प्रावधान "किसी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल में विभाजन होने या दो गुटों के बीच विवाद होने की हालत में की जाने वाली कार्रवाई से संबंधित है. पैराग्राफ 15 में कहा गया है कि ऐसी हालत में चुनाव आयोग सभी पक्षों के प्रतिनिधियों को सुनने के बाद तमाम उपलब्ध तथ्यों को ध्यान में रखते हुए इस बात का फैसला कर सकता है कि कौन सा ग्रुप असली मान्यता प्राप्त दल है. आयोग यह फैसला भी कर सकता है कि विवाद में शामिल गुटों में से किसी को भी मान्यता प्राप्त दल नहीं माना जा सकता है.

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कानूनी प्रावधानों के अनुसार होगी कार्रवाई

सूत्र ने बताया कि दूसरी तरफ, चुनाव आयोग को एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष जयंत पाटिल की ओर से 3 जुलाई को कैविएट दाखिल करने वाला एक ईमेल प्राप्त हुआ है. सूत्रों के मुताबिक पाटिल ने 3 जुलाई को ही चुनाव आयोग को भेजे पत्र में यह जानकारी भी दी है कि पार्टी के 9 विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही सक्षम प्राधिकारी, यानी महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के पास शुरू की गई है. सूत्र ने कहा कि चुनाव आयोग इस मामले को देख रहा है और कानूनी प्रावधानों के अनुसार जरूरी कार्रवाई करेगा.

Ncp Sharad Pawar Maharashtra Election Commission