/financial-express-hindi/media/post_banners/ncD8GFd9FJjWJoiswlDP.jpeg)
Maharashtra Sena VS Sena Case: सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने महाराष्ट्र में पिछले साल हुए राजनीतिक संकट से जुड़े मामले में अहम फैसला सुनाया है. (Image: Indian Express)
Maharashtra Sena VS Sena Case Live Updates : सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने महाराष्ट्र के मसले पर अहम फैसला दिया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा है कि पिछले साल महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के दौरान तत्कालीन राज्यपाल ने संविधान और कानून के नजरिये से अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभाई. लेकिन इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि वो उद्धव ठाकरे सरकार को बहाल नहीं कर सकती, क्योंकि उद्धव ठाकरे ने खुद ही अपनी मर्जी से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके साथ ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने यह भी कहा कि 16 विधायकों की अयोग्यता के बारे में स्पीकर को वाजिब समय सीमा के भीतर फैसला करना चाहिए. जिन 16 विधायकों की योग्यता को चुनौती दी गई है, वे सभी एकनाथ शिंदे के समर्थक हैं.
सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की सरकार को असंवैधानिक बताते हुए कहा है कि शिंदे को अपने पद से फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए. जबकि राज्य के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार पूरी तरह संवैधानिक है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में पिछले साल उत्पन्न राजनीतिक संकट के दौरान प्रदेश के तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बर्ताव पर गंभीर एतराज जताते हुए फ्लोर टेस्ट के उनके आदेश को गैरकानूनी करार दिया है. इतना ही नहीं, कोर्ट ने विवाद के बीच ही शिंदे समर्थक विधायक को जिस तरह शिवसेना का चीफ व्हिप बनाया गया था, उसे भी गलत ठहराया है. सुप्रीम कोर्ट की इन्हीं टिप्पणियों की वजह से उद्धव ठाकरे और उनके समर्थक शिंदे सरकार पर हमले कर रहे हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना करने से पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. लिहाजा अदालत उनकी सरकार को बहाल नहीं कर सकती. जाहिर है इससे सरकार में शामिल शिंदे समर्थक विधायकों और बीजेपी - दोनों ने राहत की सांस ली है.
- 12:58 (IST) 11 May 2023मौजूदा महाराष्ट्र सरकार गैर-कानूनी : शिवसेना (उद्धव ठाकरे)
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने कहा है कि महाराष्ट्र की मौजूदा शिंदे सरकार गैरकानूनी है, क्योंकि उसका गठन संविधान की अनदेखी करके किया गया है. पार्टी के सांसद संजय राउत ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि जब चीफ व्हिप की नियुक्ति के आदेश से लेकर फ्लोर टेस्ट कराने के फैसले तक उठाए गए तमाम गैर-कानूनी हैं, तो फिर कानूनी क्या है? राउत ने कहा कि शिंदे, फडणवीस और उनके लोगों को अब मिठाई नहीं बांटनी चाहिए. आपकी सरकार गैर-कानूनी है. अगर आपने जरा भी नैतिकता बची है, तो आपको फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए.
- 12:53 (IST) 11 May 2023उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने फैसले पर खुशी जताई
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है. पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा कि हम फैसले से खुश हैं. उन्होंने कहा कि इस फैसले ने साबित कर दिया है कि देश में लोकतंत्र और न्यायपालिका आज भी जीवंत हैं.
- 12:42 (IST) 11 May 2023ठाकरे सरकार को बहाल नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल का जून 2022 में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश भले ही संविधान और कानून के हिसाब से गलत हो, लेकिन अदालत ठाकरे सरकार को बहाल नहीं कर सकती, क्योंकि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना, खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
- 12:42 (IST) 11 May 2023ठाकरे सरकार को बहाल नहीं कर सकते : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि महाराष्ट्र के तत्कालीन राज्यपाल का जून 2022 में फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश भले ही संविधान और कानून के हिसाब से गलत हो, लेकिन अदालत ठाकरे सरकार को बहाल नहीं कर सकती, क्योंकि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना किए बिना, खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
- 12:33 (IST) 11 May 2023राज्यपाल की भूमिका पर सुप्रीम कोर्ट की गंभीर टिप्पणी
महाराष्ट्र में पिछले साल सामने आए राजनीतिक संकट के मामले में तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गवर्नर के पास उस वक्त फ्लोर टेस्ट का आदेश देने के लिए कोई निष्पक्ष कारण मौजूद नहीं थे. अगर स्पीकर और सरकार अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने से बचने की कोशिश कर रहे होते तब तो मंत्रिपरिषद की सलाह के बिना राज्यपाल फ्लोर टेस्ट का आदेश दे सकते थे. लेकिन विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने जब पत्र लिखा, उस वक्त विधानसभा का सत्र नहीं चल रहा था. विपक्षी दलों ने कोई अविश्वास प्रस्ताव पेश नहीं किया. ऐसे में राज्यपाल के पास सरकार के बहुमत पर संदेह करने का कोई 'ऑब्जेक्टिव मटीरियल' मौजूद नहीं था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फ्लोर टेस्ट का इस्तेमाल पार्टी के अंदरूनी विवादों को निपटाने के लिए नहीं किया जा सकता. संविधान और कानून राज्यपाल को राजनीति के दायरे में उतरकर किसी दल के अंदरूनी विवाद या दो दलों के आपसी विवाद में भूमिका निभाने की इजाजत नहीं देते.
- 12:23 (IST) 11 May 2023गवर्नर का फ्लोर टेस्ट का फैसला सही नहीं : SC
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र गवर्नर के फ्लोर टेस्ट कराने के फैसले से असहमति जताते हुए कहा है कि किसी पार्टी के अंदरूनी विवादों के निपटारे के लिए फ्लोर टेस्ट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.
- 12:21 (IST) 11 May 2023स्पीकर को हटाने के मामले को बड़ी बेंच को सौंपने की जरूरत : SC
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि स्पीकर को हटाने के मामले को बड़ी बेंच को सौंपने की जरूरत है. चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि स्पीकर को हटाने का नोटिस दिए जाने के बाद क्या विधायकों की अयोग्यता के बारे में फैसला करने के स्पीकर के अधिकार सीमित हो जाते हैं? इस सवाल पर सुप्रीम कोर्ट की और बड़ी बेंच द्वारा विचार किया जाना चाहिए.
- 12:18 (IST) 11 May 2023शिंदे गुट के गोगावले को चीफ व्हिप बनाना गलत था
सुिप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा है कि भरतशेत गोगावले को शिवसेना का व्हिप नियुक्त करने का स्पीकर का फैसला गैरकानूनी था. गोगावले शिंदे गुट के नेता हैं. यह जानकारी लाइव लॉ ने दी है.