scorecardresearch

दलित समुदाय से जुड़े दूसरे कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं खड़गे, कर्नाटक में लगातार 9 बार विधायक रहे, दो बार लोकसभा चुनाव भी जीते

गांधी परिवार के भरोसेमंद मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक में ‘सोलिल्लादा सरदारा’ यानी 'कभी नहीं हारने वाले नेता' के नाम से मशहूर हैं.

गांधी परिवार के भरोसेमंद मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक में ‘सोलिल्लादा सरदारा’ यानी 'कभी नहीं हारने वाले नेता' के नाम से मशहूर हैं.

author-image
FE Hindi Desk
एडिट
New Update
दलित समुदाय से जुड़े दूसरे कांग्रेस अध्यक्ष बन सकते हैं खड़गे, कर्नाटक में लगातार 9 बार विधायक रहे, दो बार लोकसभा चुनाव भी जीते

मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया

अपने गृह राज्य कर्नाटक में ‘सोलिल्लादा सरदारा’ (कभी नहीं हारने वाला नेता) के रूप में मशहूर मापन्ना मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया. खड़गे गांधी परिवार के बहुत अधिक विश्वस्त माने जाते हैं. यदि खड़गे चुनाव जीतते हैं, तो वह अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के अध्यक्ष बनने वाले एस निजालिंगप्पा के बाद कर्नाटक के दूसरे नेता होंगे. जीतने पर वह जगजीवन राम के बाद इस पद पर आसीन होने वाले दूसरे दलित नेता भी होंगे. लगातार नौ बार विधायक चुने गये खड़गे 50 साल से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं. 80 वर्षीय खड़गे के सियासी सफर का ग्राफ उत्तरोत्तर चढ़ाव दिखाता है. उन्होंने अपना सियासी सफर गृह जिले गुलबर्ग (कलबुर्गी) में एक यूनियन नेता के रूप में किया.

2019 लोकसभा चुनाव में पहली बार हारे थे खड़गे

वर्ष 1969 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और गुलबर्ग शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने. चुनावी मैदान में खड़गे अजेय रहे और वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कर्नाटक (खासकर हैदराबाद-कर्नाटक क्षेत्र) को अपने चपेट में लेने वाली नरेंद्र मोदी लहर के बावजूद गुलबर्ग से 74 हजार मतों के अंतर से जीत हासिल की. उन्होंने वर्ष 2009 में लोकसभा चुनाव के मैदान में कूदने से पहले गुरुमितकल विधानसभा चुनाव से नौ बार जीत दर्ज की. वह गलुबर्ग से दो बार लोकसभा सदस्य रहे. हालांकि, वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में खड़गे को भाजपा नेता उमेश जाधव के हाथों गुलबर्ग में 95,452 मतों से हार का सामना करना पड़ा. खड़गे के कई दशकों के सियासी सफर में यह उनकी पहली हार थी.

Advertisment

Congress President Poll Live Updates: मल्लिकार्जुन खड़गे ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवारी का पर्चा भरा, दिग्विजय सिंह और गहलोत के अलावा G-23 नेता भी प्रस्तावकों में शामिल

मौजूदा समय में कर्नाटक से हैं राज्यसभा सांसद

खड़गे ने कर्नाटक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने के अलावा वर्ष 2008 के विधानसभा चुनाव में केपीसीसी प्रमुख के रूप में काम किया. लोकसभा में वर्ष 2014 से 2019 तक खड़गे कांग्रेस पार्टी के नेता रहे, हालांकि वह लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता नहीं बन सके क्योंकि कांग्रेस सांसदों की संख्या सदन की कुल संख्या की 10 प्रतिशत से कम थी. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार में खड़गे ने केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के रूप में श्रम एवं रोजगार, रेलवे और सामाजिक न्याय एवं सशक्तिकरण विभाग संभाला. जून, 2020 में उन्हें कर्नाटक से राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित किया गया और वह फिलहाल उच्च सदन में विपक्ष के 17वें नेता हैं, उन्होंने पिछले साल फरवरी में गुलाम नबी आजाद की जगह ली.

India 5G launch: देश में 1 अक्टूबर से शुरू होगी 5G सर्विस, पीएम मोदी करेंगे लॉन्च

जाति नहीं, कांग्रेस है पहचान

जब कभी कर्नाटक में उनको दावेदार के रूप में पेश करके दलित मुख्यमंत्री की बात उठी तो उन्होंने कई बार कहा, ‘‘आप क्यों बार-बार दलित कहते रहते हैं? ऐसा मत कहिये. मैं एक कांग्रेसी हूं. ’’ मिजाज और प्रकृति से सौम्य खड़गे कभी किसी बड़ी राजनीतिक समस्या या विवाद में नहीं फंसे. बीदर के वारावट्टी में एक गरीब परिवार में जन्मे खड़गे ने स्कूली पढ़ाई के अलावा स्नातक और वकालत की पढ़ाई गुलबर्ग में की. राजनीति में आने से पहले वह वकालत के पेशे में थे. वह बौद्ध धर्म के अनुयायी हैं और गुलबर्ग के बुद्ध विहार परिसर में निर्मित सिद्धार्थ विहार ट्रस्ट के संस्थापक हैं. 13 मई, 1968 को उन्होंने राधाबाई से विवाह रचाया और दोनों के दो पुत्रियां और तीन बेटे हैं. उनके एक बेटे प्रियांक खड़गे विधायक हैं और पूर्व मंत्री रहे हैं.

(इनपुट : भाषा)

Mallikarjun Kharge Congress