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Manipur violence : मणिपुर में 50 दिन से जारी जातीय हिंसा के दौरान एक सरकारी अधिकारी की इमारत को जलाए जाने की तस्वीर. (File Photo : PTI)
Congress on Manipur violence : देश के सीमावर्ती राज्य मणिपुर में डेढ़ महीने से ज्यादा समय से जारी जातीय हिंसा के मसले पर कांग्रेस ने एक बार फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा है. देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी ने आरोप लगाया है कि मणिपुर पिछले 50 दिनों से जल रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानबूझकर इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी इस मामले में अपनी ड्यूटी निभाने में पूरी तरह नाकाम साबित हुए हैं.
मैक्सिमम साइलेंस, मिनिमम गवर्नेंस है बीजेपी की नीति : जयराम
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया है कि मणिपुर में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार “मैक्सिमम साइलेंस, मिनिमम गवर्नेंस” यानी “ज्यादा से ज्यादा चुप्पी और कम से कम काम” की नीति पर चल रही है. कांग्रेस नेता ने बुधवार को कहा कि “प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा की तमाम खबरों के बीच हमें यह भी याद रखना चाहिए कि आज लगातार 50वां दिन है, जब मणिपुर इस दर्द, तकलीफ और दुख का सामना कर रहा है. लेकिन दुख की बात है कि तमाम मुद्दों पर इतना ज्ञान देने वाले प्रधानमंत्री ने मणिपुर की त्रासदी पर अब तक एक शब्द भी नहीं कहा है और यहां तक कि उन्होंने इस मुद्दे पर बात करने के लिए वक्त मांग रहे राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को मुलाकात का समय तक नहीं दिया. संकट काल में मणिपुर की जानबूझकर अनदेखी करके वे भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर अपना फर्ज निभाने में पूरी तरह फेल हुए हैं. मणिपुर के मामले में उनका बर्ताव बेहद हैरान करने वाला और समझ से परे है.”
Let us remind ourselves amidst all the news of the Prime Minister’s visit to the USA that today is the 50th consecutive day of Manipur's pain, distress and agony.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 21, 2023
The Prime Minister who gives gyaan on so many issues has sadly not said a word on the tragedy that has engulfed the…
मणिपुर का संकट कब खत्म होगा?
मणिपुर कांग्रेस के प्रवक्ता एनबी मेतेई ने सवाल किया कि मणिपुर का मौजूदा संकट कब तक चलेगा? कई महीने, कई साल या कई दशकों तक? मणिपुर के लोगों को भी यह अधिकार है कि प्रधानमंत्री उनकी बात सुनें. संविधान के तहत उनकी जिम्मेदारी जनता को जवाब देना है, 50 दिनों तक चुप्पी साधे रखना नहीं. मणिपुर के लोग लगभग दो महीने से बिना इंटरनेट के रह रहे हैं, इससे काफी नुकसान हो रहा है.” गौरतलब है कि मणिपुर की 10 विपक्षी पार्टियों के नेता 10 जून से दिल्ली पहुंचे हुए हैं और पीएम मोदी से मिलने का वक्त मांग रहे हैं. लेकिन अब तक उन्हें इसका मौका नहीं मिला है.पीएम मोदी के विदेश यात्रा पर चले जाने के बाद इन नेताओं ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को एक मेमोरेंडम सौंपा है.
मणिपुर में फिर से गोलीबारी
इस बीच, मणिपुर के दो क्षेत्रों में रुक-रुककर गोलीबारी होने की खबर मिली है. राज्य के अफसरों यह जानकारी बुधवार को दी. अधिकारियों के मुताबिक मणिपुर ईस्ट के थंगजिंग इलाके में ऑटोमैटिक हथियारों से कम से कम 15 से 20 राउंड गोलियां चलाए जाने की आवाज सुनाई दी है. कांगचुप क्षेत्र में गेलजैंग और सिंगडा में भी रुक-रुककर गोलीबारी होने की खबर मिली है.
मणिपुर के हजारों बच्चों का मिजोरम में दाखिला
मणिपुर में जारी हिंसा के चलते वहां के हजारों परिवार पलायन कर रहे हैं. ऐसे करीब 12 हजार लोग मिजोरम पहुंचे हैं. आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार तक मणिपुर के 11,870 लोग मिजोरम के 11 जिलों में पनाह ले चुके थे. इन परिवारों के साथ आए 1500 से ज्यादा बच्चों ने मिजोरम के अलग-अलग स्कूलों में दाखिला लिया है. मिजोरम के शिक्षा निदेशक लालसंगलियाना ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि विस्थापित बच्चों को सरकारी स्कूलों में निशुल्क दाखिला दिया गया है. उन्होंने कहा कि बच्चों की स्थिति पर विचार करते हुए उन्हें आवश्यक दस्तावेज न होने के बावजूद स्कूलों में दाखिला लेने की अनुमति दी गयी. इस बीच, मिजोरम के गृह आयुक्त और सचिव एच लालेंगमाविया ने बताया कि मणिपुर से पलायन करके आए हजारों लोगों की मदद करने के लिए मिजोरम सरकार ने केंद्र सरकार से 10 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता मांगी है. उन्होंने यह भी बताया कि मानसून के कारण विस्थापित लोगों को ठहराने के लिए कई सरकारी इमारतों को खाली कराने का फैसला किया गया है.