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Manipur Violence: मणिपुर में शनिवार शाम फिर से भड़की हिंसा के दौरान भीड़ ने इंफाल वेस्ट जिले में 15 घरों को आग के हवाले कर दिए. (Representational image)
Manipur Reports Fresh Violence, 15 Houses Torched, 1 Person Shot: मणिपुर में इस साल 3 मई से जारी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. बीते शाम राज्य में फिर से हिंसा भड़क उठी. इस दौरान इंफाल वेस्ट जिले में 15 घर आग के हवाल कर दिए गए. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लांगोल गेम्स गांव (Langol Games village) में आक्रोशित भीड़ सड़कों पर उतर आई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे और स्थिति को काबू में किया.
हिंसा प्रभावित इलाकों में पाबंदियां जारी
अधिकारियों के मुताबिक, मणिपुर में फिर से भड़की हिंसा में 45 साल की उम्र के एक शख्स के पैर में गोली लगी. शनिवार की हिंसा में घायल शख्स को इलाज के लिए ‘रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस’ (आरआईएमएस) में भर्ती कराया गया है, फिलहाल उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. अधिकारियों के अनुसार, रविवार को क्षेत्र में हालात में सुधार आए हैं, लेकिन सुबह के वक्त की पाबंदियां जारी हैं.
अधिकारियों ने बताया कि इंफाल ईस्ट जिले के चेकॉन इलाके में भी हिंसा की सूचना मिली है, जहां शनिवार को एक बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठान को आग के हवाले कर दिया गया. अधिकारियों के मुताबिक, प्रतिष्ठान के पास के तीन मकानों में भी आग लगा दी गई. दलकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया. हिंसा की ये घटनाएं 27 विधानसभा क्षेत्रों की समन्वय समिति की ओर से आहूत 24 घंटे की आम हड़ताल के बीच सामने आई हैं. हड़ताल से शनिवार को इंफाल घाटी में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा था.
3 मई से अबतक 160 लोगों की हो चुकी है मौत
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 फीसदी है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 फीसदी है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.