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Manipur Violence: सेना ने KYKL के 12 कैडरों को किया रिहा, 2015 के हिंसा का मास्टरमाइंड भी शामिल

Manipur Violence: सेना ने प्रतिबंधित विद्रोही समूह कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) के 12 कैडरों को रिहा कर दिया है.

Manipur Violence: सेना ने प्रतिबंधित विद्रोही समूह कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) के 12 कैडरों को रिहा कर दिया है.

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FE Hindi Desk
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Manipur Violence: मणिपुर हिंसा में अबतक 120 लोगों की जान जा चुकी है और 3,000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. (AP Photo)

Manipur Violence: मणिपुर में हिंसा से राज्य की स्तिथि को लेकर कल यानी शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. इस बैठक में तमाम राजनीतिक दलों ने अपनी बात रखी. इस बीच इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक भारतीय सेना ने प्रतिबंधित विद्रोही समूह कांगलेई यावोल कन्ना लुप (KYKL) के 12 कैडरों को रिहा कर दिया है. सभी को शनिवार दोपहर मणिपुर के इंफाल क्षेत्र में स्थानीय महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ के साथ गतिरोध के बाद पकड़ा गया था. सेना के इनपुट के अनुसार, 12 कैडरों में से एक की पहचान लेफ्टिनेंट कर्नल मोइरांगथेम तम्बा उर्फ ​​उत्तम के रूप में की गई थी, जो 2015 में 6 डोगरा रेजिमेंट के काफिले पर घात लगाकर किए गए हमले का "मास्टरमाइंड" था. इस घटना में 18 सैनिक मारे गए थे.

वीडियो फुटेज भी आया सामने

KYKL 1994 में गठित एक मैतेई विद्रोही समूह है और इसे राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. सेना के एक प्रवक्ता के अनुसार, विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर शनिवार सुबह इथम गांव में शुरू किए गए एक ऑपरेशन के दौरान 12 कैडरों को हथियारों, गोला-बारूद और युद्ध जैसे भंडार के साथ पकड़ा गया था. प्रवक्ता ने कहा, इसके बाद, महिलाओं और एक स्थानीय नेता के नेतृत्व में 1,200 से 1,500 लोगों की भीड़ ने ऑपरेशन को बाधित कर दिया, जिसके बाद उन्हें छोड़ना पड़ा. घटना के यूएवी फुटेज की एक क्लिप में बड़ी संख्या में लोगों को क्षेत्र में सड़कों को बाधित करने के लिए तेजी से आगे बढ़ते हुए दिखाया गया है.

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क्या है मामला?

मणिपुर के घाटी इलाकों में महिलाओं द्वारा सेना और असम राइफल्स की आवाजाही को रोकना राज्य में लगे सुरक्षा और रक्षा कर्मियों के लिए एक बड़ी चुनौती रही है. हालांकि इस बार की घटना मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जा की मांग के विरोध में 3 मई को पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद भड़की. अब तक करीब 120 लोगों की जान जा चुकी है और 3,000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं.

Indian Army Manipur