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Manipur Violence: कांग्रेस ने भाजपा सरकार की ‘विफलता’ के विरोध में बंद का समर्थन करने का फैसला किया है.
Manipur Violence: गुजरात के जनजातीय क्षेत्र में रविवार को मणिपुर में जातीय हिंसा और महिलाओं के प्रति अत्याचार के विरोध में बंद का आयोजन किया जाएगा. एक जनजातीय नेता ने यह जानकारी दी. राज्य के विपक्षी दल कांग्रेस ने पूर्वोत्तर राज्य में स्थिति को नियंत्रित करने में सत्ताधारी भाजपा सरकार की ‘विफलता’ के विरोध में बंद का समर्थन करने का फैसला किया है. कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी.
हिंसा के लिए भाजपा को बता रहे जिम्मेदार
‘आदिवासी एकता मंच’ सहित कई जनजातीय संगठन गुजरात के जनजातीय बहुल जिलों में बंद का आह्वान करने के लिए एक साथ आए हैं. हाल ही में आम आदमी पार्टी (आप) से इस्तीफा देने वाले जनजातीय नेता प्रफुल्ल वसावा ने कहा, ‘‘मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार, मध्य प्रदेश में पेशाब की घटना और गुजरात में जनाजातियों पर अत्याचार के विरोध में जनजातीय समुदाय के आह्वान पर रविवार को गुजरात के आदिवासी इलाके में बंद रखा जाएगा.’’ उन्होंने कहा कि बंद का आह्वान किसी एक संगठन या राजनीतिक दल के बैनर तले नहीं बल्कि विभिन्न जनजातीय और अन्य सामाजिक-राजनीतिक संगठनों की सहमति से किया गया है. गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, ‘‘मणिपुर पर केंद्र सरकार के रुख के विरोध में कई जनजातीय संगठनों ने बंद का आह्वान किया है. उन्होंने कांग्रेस से बंद को समर्थन देने का अनुरोध किया और पार्टी ने इसका पूरा समर्थन करने का फैसला किया है. मणिपुर के हालात के लिए भाजपा जिम्मेदार है.’’
एक और रेप और हत्या का मामला आया सामने
दो मणिपुर महिलाओं को निर्वस्त्र कर खुलेआम सड़क पर घुमाए जाने का मामला अभी शांत नहीं हुआ कि मणिपुर से एक और जघन्य खबर निकलकर सामने आ रही है. इस बार मामला दो कुकी-ज़ोमी महिलाओं के कथित अपहरण, बलात्कार और हत्या के संबंध में है. इस घटना को लेकर जीरो एफआईआर (Zero FIR) उसी थाने में दायर किया गया है जहां दो मणिपुर के महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने को लेकर मामला दर्ज हुआ था. हालांकि अभी तक इस मामले को संबंधित थाने में ट्रांसफर नहीं किया गया है. गौरतलब है कि जीरो एफआईआर किसी भी पुलिस स्टेशन में दर्ज की जा सकती है, भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में हुआ हो या नहीं. इस मामले को लेकर अभी दो महीने बीत गए हैं लेकिन लड़की के परिवार ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि उन्हें नहीं पता कि जांच में कोई प्रगति हुई है या नहीं. पुलिस सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस महानिदेशक राजीव सिंह ने जांच की स्थिति पर कोई टिप्पणी नहीं की. इंफाल पूर्व के पुलिस अधीक्षक शिवकांत ने कॉल और संदेशों का जवाब नहीं दिया.