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Manipur Violence: मणिपुर में कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल, केंद्रीय मंत्री ने अपनी ही सरकार के बारे में क्यों दिया ये बयान?

Manipur Crisis: केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह ने कहा है कि मणिपुर में कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है. राज्य में सीएम एन बीरेन सिंह की अगुवाई में बीजेपी की सरकार ही सत्ता में है.

Manipur Crisis: केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह ने कहा है कि मणिपुर में कानून व्यवस्था पूरी तरह फेल हो चुकी है. राज्य में सीएम एन बीरेन सिंह की अगुवाई में बीजेपी की सरकार ही सत्ता में है.

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FE Hindi Desk
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मणिपुर की राजधानी इंफाल के पूर्वी इलाके में उपद्रवियों ने शुक्रवार को एक रिटायर्ड IAS अधिकारी की संपत्ति में आग लगा दी. एक दिन पहले केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के घर में भी आग लगाई गई थी. (PTI Photo: June 16, 2023)

Total failure of law and order in Manipur says Union Minister : देश के उत्तर पूर्वी इलाके के राज्य मणिपुर में कानून व्यवस्था फेल हो चुकी है. राज्य सरकार वहां के हालात को संभालने में पूरी तरह नाकाम है. ये आरोप किसी विपक्षी नेता ने नहीं, बल्कि एक केंद्रीय मंत्री ने लगाए हैं. वो भी तब, जबकि मणिपुर में कोई विपक्षी पार्टी नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की अगुवाई में खुद बीजेपी ही सरकार चला रही है. अपनी ही राज्य सरकार पर कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम होने का यह गंभीर आरोप केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह यूं ही नहीं लगा रहे. वे राज्य में जारी हिंसा के भुक्तभोगी भी हैं. गुरुवार की रात मणिपुर की राजधानी इंफाल में उपद्रवियों की बड़ी भीड़ उनके निजी घर को घेरकर आग लगा चुकी है. सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह उनके घर को पूरी तरह राख होने से तो बचा लिया, लेकिन पेट्रोल बम फेक रही एक हजार दंगाइयों की भीड़ को भारी नुकसान करने से रोक नहीं सके.

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मणिपुर की राजधानी इंफाल में केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर की तस्वीर, जिसे उपद्रवियों ने जला डाला है. (PTI Photo)

लगता है ये मुझे जान से मारने की कोशिश थी : सिंह

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गुरुवार की रात हुए हमले के अगले दिन मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जिस तरह घर को नुकसान पहुंचाने और ध्वस्त करने की कोशिश की गई, उससे मैं हैरान हूं. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे अपने प्रदेश के नागरिक ऐसा बर्ताव करेंगे….मुझे बताया गया कि अचानक ही लोगों की भीड़ पहुंची और हमला कर दिया. यहां तक कि रास्ता बंद करके फायर ब्रिगेड को भी पहुंचने नहीं दिया गया…मुझे नहीं पता कि वे मुझ पर हमला क्यों कर रहे हैं…जिस तरह आगजनी की गई और पेट्रोल फेका गया, ऐसा लगता है ये मुझे जान से मारने की कोशिश थी..मणिपुर में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है. मौजूदा सरकार इसे संभाल नहीं पा रही है, जबकि केंद्र सरकार काफी सुरक्षा दे रही है और रैपिड एक्शन फोर्स भी भेजी गई है."

केंद्रीय मंत्री के घर पर दूसरी बार हुआ हमला

भीतरी मणिपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद आरके रंजन सिंह के घर पर पिछले कुछ दिनों में हुआ ये दूसरा हमला है. इससे पहले 25 मई को भी उनके घर पर हमला हुआ था. उस वक्त तो केंद्रीय मंत्री खुद घर पर मौजूद थे. उस हमले के बाद से वे और उनके परिवार के लोग वहां नहीं रह रहे थे. फिर भी गुरुवार को हुई आगजनी में उनके घर और वहां रखी कुछ गाड़ियों को काफी नुकसान हुआ है.

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3 मई से कर रहे हैं शांति स्थापना की कोशिश : सिंह

आरके रंजन सिंह ने पीटीआई से कहा कि वे राज्य में 3 मई को हिंसा शुरू होने के समय से ही हालात पर काबू पाने की कोशिश में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि यह सारा बवाल दो समुदायों के बीच गलतफहमी पैदा होने की वजह से शुरू हुआ है.

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मणिपुर की कैबिनेट मंत्री के घर पर भी हो चुका है हमला

आरके रंजन सिंह के घर पर गुरुवार रात को हुए इस भयानक हमले से कुछ ही घंटे पहले राज्य सरकार की एक कैबिनेट मंत्री नेमचा किपगेन (Nemcha Kipgen) के इंफाल स्थित सरकारी आवास को भी दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया था. इस हमले के बाद उनके घर पर तैनात मणिपुर पुलिस के 9 लोगों को लापरवाही के आरोप में सस्पेंड किया जा चुका है. लेकिन हालात काबू में आते नहीं लग रहे हैं. दरअसल मणिपुर में हिंसा और आगजनी का ये दौर पिछले काफी दिनों से जारी है. इससे पहले मंगलवार को मणिपुर के कांगपोकपी (Kangpokpi) जिले में मितेई (Meitei) समुदाय के 9 लोगों को जान से मार दिए जाने की दिल दहलाने वाली वारदात हो चुकी है.

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शुक्रवार को भी जारी रही हिंसा

मणिपुर में हिंसा और आगजनी की वारदात थमने का नाम नहीं ले रही हैं. शुक्रवार की शाम को इंफाल में दंगाइयों की भीड़ ने एक इमारत में आग लगा दी, जिसके बाद रैपिड एक्शन फोर्स और उपद्रवियों के बीच मुठभेड़ भी देखने को मिली. इंफाल पैलेस ग्राउंट के पास हुई इस वारदात में पुलिस ने दंगाई भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया. सुरक्षा बलों और फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर इमारत में लगी आग पर काबू पाया और उसे आसपास के इलाकों में पहुंचने से रोका. जिस इमारत में आग लगाई गई वह आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाले एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी की थी.

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