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Manipur Violence: मणिपुर में कुकी-ज़ोमी और मेइती समुदायों के बीच जारी हिंसा के बीच देश भर के ईसाई संगठनों ने शुक्रवार को शांति की अपील की. (PTI)
Manipur Violence: देश के उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) थमने का नाम नहीं ले रही है. राज्य में शनिवार को हिंसा बढ़ने से मणिपुर के चुराचंदपुर में चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जबकि एक व्यक्ति की मृत्यु इंफाल में हुई. चुराचांदपुर में यह शूटिंग राज्य के बहुसंख्यक मेइती समुदाय और कुकी जनजाति के बीच भयंकर संघर्ष के दौरान हुई है. शूटिंग तब हुई जब आदिवासियों ने कथित तौर पर मेइती समुदाय को क्षेत्र से निकालने से रोकने की कोशिश की.
19 अप्रैल को भड़की पहली बार हिंसा
मणिपुर में हिंसा सबसे ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के दौरान भड़की. 19 अप्रैल को मणिपुर हाई कोर्ट के निर्देश के बाद राज्य के मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग के विरोध में मार्च का आयोजन किया गया था. मणिपुर के चुराचांदपुर में उस समय चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब सुरक्षा बल इलाके से मेइती लोगों को निकाल रहे थे.
आवाजाही बाधित कर रहे प्रदर्शनकारी
इंफाल में असम राइफल्स के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें इनपुट मिला था कि इस जगह पर "80-200" लोगों का जमावड़ा हुआ था. उन्होंने कहा, "राज्य के विभिन्न हिस्सों से लोगों को निकालने का काम लगातार जारी है." उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में सड़कों को रोकना यानी चक्काजाम करना आम बात हो गई है. केंद्रीय सुरक्षा बलों के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भी चार लोगों के मारे जाने की पुष्टि की, जबकि जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने यह संख्या तीन बताई.
1,100 से अधिक लोग असम भागे
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पड़ोसी राज्य में हिंसा के बाद मणिपुर के जिरीबाम जिले और आसपास के इलाकों के 1,100 से अधिक लोगों ने जान बचाकर असम भाग गए हैं. अधिकांश प्रवासी कुकी समुदाय से हैं और उन्हें डर है कि मणिपुर में उनके घरों को उन समूहों द्वारा नष्ट कर दिया गया है. ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन मणिपुर द्वारा बुलाए गए जनजातीय एकजुटता मार्च के बाद 3 मई को कुकी जनजाति और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी.
ईसाई संगठनों ने की शांति की अपील
मणिपुर में कुकी-ज़ोमी और मेइती समुदायों के बीच जारी हिंसा के बीच देश भर के ईसाई संगठनों ने शुक्रवार को शांति की अपील की. यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम ऑफ नॉर्थ ईस्ट इंडिया ने कहा कि विभिन्न समूहों के बीच एक शक्ति संघर्ष ने "हिंसा और आगजनी" को जन्म दिया है और रविवार को सभी चर्चों को "शांति के लिए प्रार्थना करने के सामूहिक प्रयास" में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है. इस बीच, बेंगलुरु के मेट्रोपॉलिटन आर्कबिशप और भारत के कैथोलिक समुदाय के एक प्रमुख व्यक्ति रेवरेंड डॉ पीटर मचाडो ने कहा कि राज्य में ईसाइयों को निशाना बनाया जा रहा है.
बिहार सरकार अलर्ट
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्य सचिव से हिंसा प्रभावित मणिपुर में रहने वाले राज्य के लोगों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के लिए अपने समकक्ष से बात करने को कहा है. उन्होंने मुख्य सचिव को उन लोगों की सुरक्षित वापसी की व्यवस्था करने के लिए भी कहा जो पूर्वी राज्य में अपने मूल स्थानों पर वापस आने के इच्छुक हैं.