/financial-express-hindi/media/post_banners/03mvhgfwJUyAUcbt5QUl.jpg)
New Delhi, July 06 (ANI): A view of the Supreme Court of India building, an apex judicial body of the country, in New Delhi on Thursday. (ANI Photo/Jitender Gupta)
Manish Sisodia bail plea dismissed by Supreme Court in alleged Delhi excise policy case: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जेल से जल्द बाहर आने की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है. दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में सिसोदिया कि जमानत की अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दी. हालांकि इसके साथ ही देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस मामले की सुनवाई 6 से 8 महीने में पूरी करने का निर्देश भी दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर इस मामले की सुनवाई धीमी रफ्तार से आगे बढ़ती है, तो मनीष सिसोदिया तीन महीने बाद फिर से जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं.
दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित गड़बड़ियों के आरोप में करीब 8 महीने से जेल में बंद मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज करने का आदेश सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने सुनाया. अदालत ने जमानत देने से इनकार करने के साथ ही 338 करोड़ रुपये के उस मनी ट्रेल पर भी गौर किया है, जिसे साबित करने का दावा अभियोजन पक्ष करता है.
दिल्ली हाईकोर्ट पहले ही खारिज कर चुका है अर्जी
इससे पहले मनीष सिसोदिया ने अपने खिलाफ सीबीआई और ईडी की तरफ से चलाए जा रहे मुकदमों में जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से भी जमानत मांगी थी, लेकिन हाई कोर्ट ने दोनों ही मामलों में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. जमानत याचिका खारिज करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के इस आदेश को सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी के केस में सिसोदिया की जमानत की अर्जी खारिज करने के 3 जुलाई 2023 को दिए अपने आदेश में कहा था कि आरोपी ऊंचे राजनीतिक पदों पर रहे हैं और दिल्ली की सत्तारूढ़ पार्टी में उनकी काफी बड़ी हैसियत है. लिहाजा, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि जमानत मिलने के बाद वे गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं.
फरवरी 2023 से गिरफ्तार हैं मनीष सिसोदिया
सीबीआई ने फरवरी 2023 में दिल्ली के तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था. उनकी गिरफ्तारी दिल्ली सरकार द्वारा नई आबकारी नीति बनाने और उस पर अमल करने के दौरान कथित तौर पर गड़बड़ी किए जाने के आरोप में हुई थी. हालांकि विपक्ष के आरोपों के बीच इस नीति को पहले ही वापस ले लिया गया था. मनीष सिसोदिया फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मनीष सिसोदिया न सिर्फ दिल्ली की वापस ली जा चुकी आबकारी नीति के निर्माण और उस पर अमल से गहराई से शामिल हुए थे, बल्कि उन्होंने इस नीति से जुड़ी आपराधिक साजिश में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.