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Manmohan Singh on foreign policy : पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मामले में मोदी सरकार की विदेश नीति का समर्थन किया है. (File Photo : PTI)
Ex-PM Manmohan Singh backs Centre’s stand post Russia-Ukraine conflict : देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रूस-यूक्रेन युद्ध के मसले पर भारत सरकार की विदेश नीति का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि दोनों देशों के बीच युद्ध के बाद सरकार ने भारत के राजनीतिक-आर्थिक हितों को सबसे ऊपर रखने के साथ ही साथ शांति के लिए अपील करने का जो रास्ता अपनाया वो बिलकुल सही है. जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पूर्व प्रधानमंत्री और जाने-माने अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह ने यह उम्मीद भी जताई कि आने वाले दिनों में भारत का आर्थिक भविष्य काफी चमकदार रहने वाला है, बशर्ते देश के सामाजिक ताने-बाने में आपसी सद्भाव कायम रहे.
रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद सरकार ने सही नीति अपनाई : मनमोहन सिंह
रूस और यूक्रेन के युद्ध के सिलसिले में भारत सरकार की नीति का समर्थन करते हुए मनमोहन सिंह ने कहा, “दो या उससे ज्यादा देशों के बीच टकराव की हालत में बाकी देशों पर किसी एक का साथ लेने के लिए भारी दबाव रहता है. मुझे लगता है कि भारत ने अपने राजनीतिक और आर्थिक हितों को पहली प्राथमिकता पर रखने के साथ ही साथ शांति के लिए अपील करने का जो रुख अपनाया वो बिलकुल सही है.” मनमोहन सिंह ने यह भी कहा कि विदेश नीति हमेशा से भारत के गवर्नेंस फ्रेमवर्क का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है, लेकिन यह कहा जा सकता है कि अब घरेलू राजनीति में इसकी प्रासंगिकता और अहमियत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है. उन्होंने कहा, “दुनिया में भारत की हैसियत को घरेलू राजनीति का मुद्दा बनाना ठीक है, लेकिन कूटनीति और विदेश नीति को व्यक्तिगत या दलीय राजनीति के लिए इस्तेमाल करते समय संयम से काम लेना भी उतना ही महत्वपूर्ण है.”
भारत के भविष्य के प्रति चिंतित से ज्यादा आशावान : मनमोहन सिंह
अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद चुनौतियों, संभावनाओं और अगले 5 साल में भारत के दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावे के बारे में पूछे जाने पर मनमोहन सिंह ने कहा कि वे भारत के भविष्य के प्रति चिंतित से ज्यादा आशावान हैं. उन्होंने कहा, “भारत दुनिया के बदलते माहौल में अद्वितीय आर्थिक संभावनाओं की मुहाने पर खड़ा है. विशाल बाजार के साथ ही साथ भरपूर मानवीय और प्राकृतिक संसाधनों से लैस शांतिपूर्ण लोकतंत्र के तौर पर भारत आने वाले दशकों में दुनिया का आर्थिक पावरहाउस बन सकता है. इसके लिए सर्विस सेक्टर के साथ ही साथ मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन पर भी पूरा जोर देना होगा.”
विविधता का स्वागत करना भारत की सहज प्रवृत्ति : मनमोहन सिंह
आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर देश के भविष्य की तस्वीर के बारे में पूछे जाने पर पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “कुल मिलाकर मैं भारत के भविष्य के प्रति चिंतित से ज्यादा आशावान हूं. हालांकि मेरा आशावाद भारतीय समाज के सद्भावनापूर्ण बने रहने पर आधारित है, क्योंकि हर तरह की तरक्की और विकास इसी मजबूत नींव पर टिके होते हैं. विविधता का स्वागत करना और उसका जश्न मनाना भारत की सहज प्रवृत्ति है, जिसे हर हाल में सुरक्षित रखा जाना चाहिए.”