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Mann Ki Baat Radio Programme: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) रविवार को एक बार फिर मन की बात रेडियो प्रोग्राम के जरिए देशवासियों से जुड़े. यह इस साल का आखिरी मन की बात प्रोग्राम था. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को एक बार फिर मन की बात रेडियो प्रोग्राम के जरिए देशवासियों से जुड़े. यह इस साल का आखिरी मन की बात प्रोग्राम था. प्रोग्राम की शुरुआत में उन्होंने कहा कि चार दिन बाद ही 2021 की शुरुआत होने जा रही है. आज की ‘मन की बात’ एक प्रकार से 2020 की आखिरी ‘मन की बात’ है. अगली ‘मन की बात’ 2021 में शुरू होगी.
उन्होंने बताया कि उन्हें देशवासियों की ओर से मिले ज्यादातर संदेशों में बीते हुए वर्ष के अनुभव, और 2021 से जुड़े संकल्प हैं. पीएम मोदी ने कहा कि कोविड19 से पैदा हुई परिस्थितियों के चलते उपजे बदलाव को हर देशवासी ने महसूस किया है. चुनौतियां खूब आईं, संकट भी अनेक आए, कोरोना के कारण दुनिया में सप्लाई चेन को लेकर अनेक बाधाएं भी आईं, लेकिन हमने हर संकट से नए सबक लिए. देश में नया सामर्थ्य भी पैदा हुआ. इस सामर्थ्य का नाम है ‘आत्मनिर्भरता’.
मेड इन इंडिया प्रॉडक्ट अपनाने की एक बार फिर अपील
पीएम मोदी ने एक बार फिर वोकल फॉर लोकल यानी देश में बनी चीजों के अधिक से अधिक इस्तेमाल की अपील की. साथ ही देश के मैन्युफैक्चरर्स व इंडस्ट्री लीडर्स से आग्रह किया कि वे प्रॉडक्ट की अच्छी क्वालिटी को सुनिश्चित करें. हमारे प्रॉडक्ट विश्वस्तरीय होने चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि मैं देशवासियों से एक बार फिर आग्रह करूंगा कि आप लोग एक लिस्ट बनाएं, जिसमें दिन-भर हम जो चीजें काम में लेते हैं, उन सभी चीजों का एनालिसिस करें और देखें कि कि अनजाने में कौन सी विदेश में बनी चीजों ने हमारे जीवन में प्रवेश कर लिया है. इनके भारत में बने विकल्पों का पता करें और यह भी तय करें कि आगे से भारत में बने, भारत के लोगों के मेहनत से पसीने से बने उत्पादों का हम इस्तेमाल करें. आप हर साल न्यू ईयर रिजॉल्यूशन लेते हैं, इस बार एक रिजॉल्यूशन अपने देश के लिए भी जरूर लेना है.
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तेंदुओं की बढ़ी हुई संख्या का किया जिक्र
पीएम मोदी ने देश में तेंदुओं यानी Leopards की संख्या में बढ़ोत्तरी का भी जिक्र कार्यक्रम में किया. उन्होंने कहा कि 2014 से 2018 के बीच इस संख्या में 60 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. 2014 में देश में तेंदुओं की संख्या लगभग 7900 थी, वहीं 2019 में इनकी संख्या बढ़कर 12,852 हो गयी. देश के अधिकतर राज्यों में, विशेषकर मध्य भारत में तेंदुओं की संख्या बढ़ी है. तेंदुओं की सबसे अधिक आबादी वाले राज्यों में, मध्यप्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र सबसे ऊपर हैं. यह एक बड़ी उपलब्धि है.