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Image: Reuters
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने बृहस्पतिवार को कहा कि निकट भविष्य में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए विलय प्रक्रिया में एक प्रमुख चुनौती प्रौद्योगिकी प्लेटफार्म के आपस में तालमेल की होगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल 10 बैंकों का विलय करने की घोषणा की थी.
कुमार ने कहा कि बैंक विलय प्रक्रिया के मध्य में हैं. उन्हें सूचना प्रौद्योगिकी इंटीग्रेशन को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है. भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा, ‘‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समक्ष निकट भविष्य में प्रमुख चुनौती विलय को लेकर....सूचना प्रौद्योगिकी का विलय काफी सावधानी से करने की जरूरत है.’’
अप्रैल, 2017 में एसबीआई ने अपने पांच सहयोगी बैंकों...स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक आफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद और स्टेट बैंक ऑफ मैसूर का खुद में विलय किया था.
अब ​कौन से बैंकों का होगा विलय
वित्त मंत्री द्वारा घोषित जिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय किया जाना प्रस्तावित है, उनमें पंजाब नेशनल बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय होगा. इससे देश में दूसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा. इसके अलावा केनरा बैंक और सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक और इंडियन बैंक व इलाहाबाद बैंक का विलय किया जाएगा. विलय प्रक्रिया पूरी होने के बाद देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 रह जाएगी.