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माइल्ड या मीडियम कलर ब्लाइंड हैं तो भी अब आप कार या बाइक चला सकेंगे. असल में मोदी सरकार ने इन्हें भी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का फैसला किया गया है.
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New Norms for Driving Licence: माइल्ड या मीडियम कलर ब्लाइंड हैं तो भी अब आप कार या बाइक चला सकेंगे. असल में मोदी सरकार ने इन्हें भी ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने का फैसला किया गया है. इस बारे में रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे मिनिस्ट्री ने ट्वीट कर जानकारी दी है. मंत्रालय के इस फैसले केंद्रीय मोटर वाहन अधिनियम 1989 में संशोधन किया गया है. इस कटेगिरी में शामिल लोगों को भी ड्राइविंग लाइसेंस मिल सके, इसके लिए एक्ट के फॉर्म 1 और 1A में बदलाव किया गया है. हालांकि डीएल के लिए आवेदन करने वालों को यह प्रूफ करना होगा कि वह माइल्ड या मीडियम कलर ब्लाइंड है, ना कि सीरियस कलर ब्लाइंड.
फॉर्म 1 और 1A में बदलाव
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के मुताबिक अब माइल्ड या मीडियम कलर ब्लाइंड होने का मतलब यह नहीं कि उसे डीएल नहीं जारी किया जाएगा. मंत्रालय ने इसके लिए केंद्रीय मोटर वाहन कानून में संशोधन करते हुए संबंधित गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. कलर ब्लाइंडनेस की समस्या वाले लोगों की मांग को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के फॉर्म 1 और 1A में बदलाव कर दिया है ताकि इन्हें डीएल जारी किया जा सके.
Notification issued for amendment to FORMs 1 and 1A of Central Motor Vehicles Rules 1989 for enabling Citizens with mild to medium colour blindness in obtaining driving license: Ministry of Road Transport and Highways pic.twitter.com/UET2cGydlh
— ANI (@ANI) June 26, 2020
कल ब्लाइंडनेस का मतलब है कि ऐसे लोगों को अलग अलग रंगों की पहचान में कुछ दिक्कत आती है. सामान्य लोगों के मुकाबले रंगों में अंतर करने की उनकी क्षमता कम हो जाती है. हालांकि उन्हें देखने में ऐसी कोई खास परेशानी नहीं होती है. हालांकि सामान्य लोगों के मुकाबले कुछ अंतर होता है. खबरों के अनुसार मंत्रालय ने परीक्षण करने के बाद ही यह फैसला लिया है.
AIIMS से विचार-विमर्श के बाद फैसला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के नेत्र रोग विशेषज्ञ से सुझाव लेने के बाद इस पर फैसला लिया गया है. पहले ड्राइविंग लाइसेंस के फॉर्म 1 और 1A में कुछ ऐसे सवाल थे, जो कि ऐसे लोगों को DL जारी करने की राह में रोड़ा बने हुए थे. अब इन फार्मों को संशोधित कर दिया गया है. हालांकि, आवेदक के लिए मेडिकल फिटनेस का सर्टिफिकेट जरूरी होगा.