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अभी यह तय नहीं हो सका कि खर्च में कटौती कितनी होगी. वित्त वर्ष 2022 के लिए 34.8 लाख करोड़ रुपये के बजट खर्च का अनुमान लगाया गया है.
कोरोना के चलते अधिकतर लोग अपने खर्चों में कटौती कर रहे हैं और अब केंद्रीय मंत्रालयों को भी ऐसा करने के लिए कहा गया है. केंद्र सरकार ने बुधवार को कई मंत्रालयों व विभागों को चालू वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2021 में अपने खर्च योजना को 5 फीसदी कम करने को कहा है. केंद्र के मुताबिक मंत्रालयों व विभागों अपने सालाना खर्च का 25 फीसदी एक तिमाही में खर्च करते हैं जिसे इस तिमाही 20 फीसदी करने को कहा गया है. यह कदम कोरोना की दूसरी लहर में खर्च की प्रॉयोरिटी फिर से तय करने का हिस्सा है और इससे पूरे खर्च पर असर नहीं पड़ेगा. हालांकि अभी यह तय नहीं हो सका कि खर्च में कटौती कितनी होगी. वित्त वर्ष 2022 के लिए 34.8 लाख करोड़ रुपये के बजट खर्च का अनुमान लगाया गया है.
सामान्य परिस्थितियों में विभागों को वित्त मंत्रालय द्वारा मंजूर किए गए तिमाही और मासिक योजना के मुताबिक ही दूसरी तिमाही में अपने बजट एस्टीमेट के करीब 25 फीसदी के बराबर खर्च कराने की अनुमति रहती है. हालांकि कुछ विभागों को पूर्व मंजूरी के बाद किसी तिमाही में 25 फीसदी से भी अधिक खर्च करने की मंजूरी मिलती है.
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कुछ विभागों पर नहीं पड़ेगा असर
विभागों/एजेंसियों जिन्हें अपने खर्च को बजट एस्टीमेट के 20 फीसदी के भीतर ही रखना होता है, उनमें श्रम, पंचायती राज, सोशल जस्टिस, पोस्ट्स, टेलीकॉम, कंज्यूमर अफेयर्स, होम, पुलिस, डिफेंस (सिविल), डिफेंस (रेवेन्यू), विद्यालयी शिक्षा और उच्च शिक्षा शामिल हैं. वित्त मंत्रालय द्वारा जारी एक ऑफिस मेमोरेंडम के मुताबिक कोरोना महामारी और सरकार के पास नगदी की उपलब्धता की स्थिति को देखते हुए जुलाई-सितंबर 2021 तिमाही के लिए खर्च को रेगुलेट करने की जरूरत महसूस की गई.
हालांकि वित्त मंत्रालय के मुताबिक स्वास्थ्य, कृषि, ग्रामीण विकास, रेलवे और सड़क से जुड़े मंत्रालय और विभाग कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे हैं जिसके चलते इन पर यह नया नियम नहीं प्रभावी होगा. इसके अलावा ब्याज अदायदी व राज्यों को दिए जाने वाले पैसे भी अप्रभावित रहेंगे.
जून की शुरुआत में जारी हुए थे निर्देश
वित्त मंत्रालय ने जून की शुरुआत में कई विभागों को खर्च को नियंत्रित करने के लिए जरूरी निर्देश दिए थे. उनसे ऐसे खर्च न करने को कहा गया था, जो बहुत जरूरी न हों. 12 जून को वित्त मंत्रालय ने सभी मंत्रालयों को गैर-योजना खर्च में कटौती के लिए कहा था और अपने नियंत्रण में रहने वाले खर्चों में 20 फीसदी कटौती को कहा था. इसमें ओवरटाइम अलाउंस, रिवार्ड्स, डोमेस्टिक ट्रैवल एक्सपेंस, फॉरेन ट्रैवल एक्सपेंस, ऑफिस एक्सपेंस, किराए जैसे खर्च शामिल हैं.