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रेलवे आरक्षित बोगी में वेटिंग टिकट का प्रावधान करती है.
नेशनल रेल प्लान का ड्राफ्ट सामने आने के बाद वेटलिस्टेड टिकट को लेकर लोगों के संदेह को दूर करने के लिए रेल मंत्रालय ने आज स्पष्टीकरण जारी किया है. रेलवे ने ट्वीट किया है कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स मं यह बताया जा रहा है कि 2024 से कोई वेटिंग लिस्ट नहीं होगी या 2024 से सिर्फ कंफर्म्ड टिकट ही जारी किए जाएंगे. इसे लेकर रेलने ने अपने स्पष्टीकरण में लिखा है कि रेलवे की ऐसी कोई योजना नहीं है. इसकी बजाय मांग के मुताबिक रेलवे अपनी क्षमता बढ़ाने पर काम कर रही है ताकि अधिक से अधिक लोगों को कंफर्म सीट मिल सके.
रेलवे ने एक दिन पहले नेशनल रेल प्लान का ड्राफ्ट रिलीज किया था. इसमें वेटलिस्टेड टिकट को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स में इसका जिक्र किया गया था कि अब रेलवे वेटिंग लिस्ट सिस्टम को खत्म करेगा और सिर्फ कंफर्म्ड सीटें ही एलॉट की जाएगी.
IR would like to clarify that efforts are being made to increase the capacity to make berths available on demand.This would reduce the possibility of passengers getting waitlisted.There is no plan do away with the provision of issuing waitlisted tickets.https://t.co/xaPLCCaLAupic.twitter.com/fo4U5vTB2I
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) December 19, 2020
उपलब्ध सीटों से अधिक बुकिंग पर वेटिंग टिकट
रेलवे आरक्षित बोगी में वेटिंग टिकट का प्रावधान करती है. यह प्रावधान रेलवे ऐसे समय में करती है जब ट्रेन की बोगी में मौजूद सीटों की संख्या से अधिक यात्री टिकट के लिए आवेदन करते हैं. रेलवे आरक्षित बोगी के लिए तीन प्रकार से टिकट बुकिंग करती है. कोई पैसेंजर जनरल बोगी के अलावा अगर आरक्षित बोगी के लिए टिकट बुक करता है तो उसे या तो कंफर्म सीट मिलती है या आरएसी सीट मिलती है और या तो वेटिंग टिकट मिलता है. वेटिंग टिकट के कंफर्म होने के अवसर तब अधिक होते हैं, जब कंफर्म सीट कराए हुए पैसेंजर यात्रा का फैसला रद्द कर टिकट रद्द कर देते हैं. ऐसे में उनकी सीट खाली हो जाती है और उनके स्थान पर वेटिंग टिकट वाले को सीट मिल जाती है.
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नेशनल रेल प्लान के तहत रेलने की कमाई बढ़ाने पर जोर
रेलवे को सबसे अधिक कमाई माल ढुलाई से होती है. इसे लेकर सरकार ने नेशनल रेल प्लान तैयार किया है. इसके तहत रेलवे की योजना है कि 2030 तक माल ढुलाई में उसकी हिस्सेदारी 28 फीसदी से बढ़कर 45 फीसदी हो जाएगी. इसके लिए नेशनल रेल प्लान में माल भाड़े के किराए में 30 फीसदी तक की कटौती का प्रस्ताव रखा गया है और मालगाड़ी की स्पीड बढ़ाकर 50 किमी प्रति घंटा किए जाने का प्रस्ताव है. इसके अलावा इस प्लान में ढांचागत सुधारों को लेकर भी प्रस्ताव रखे गए हैं. इस प्लान को सभी स्टेकहोल्डर्स को दे दिया गया है और वे इस पर अगले महीने तक अपना सुझाव भेजेंगे.