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मोदी कैबिनेट ने बैंक नियमन कानून में संशोधन को दी मंजूरी, सहकारी बैंकों को मजबूत बनाना मकसद

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बैंक नियमन कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी.

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बैंक नियमन कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी.

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PTI
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modi cabinet decision bank regulation act approved to make cooperative banks stronger

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बैंक नियमन कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी.(File Pic)

modi cabinet decision bank regulation act approved to make cooperative banks stronger केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बैंक नियमन कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी.(File Pic)

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को बैंक नियमन कानून में संशोधन को मंजूरी दे दी. सहकारी बैंकों को सुदृढ़ बनाने और पीएमसी बैंक जैसे संकट से बचने के लिये कानून में संशोधन को मंजूरी दी गयी है. इस कदम का मकसद जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा करना है. देश भर में 1,540 सहकारी बैंक हैं. इनमें कुल 8.60 करोड़ जमाकर्ता हैं जबकि उनकी बचत 5 लाख करोड़ रुपये तक है. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रस्तावित कानून के तहत आरबीआई के बैंक नियमन दिशानिर्देश को सहकारी बैंकों में लागू करना है. जबकि प्रशासनिक मुद्दों के बारे में सहकारिता पंजीयक पहले की तरह दिशानिर्देश देता रहेगा.

वित्त मंत्री ने बजट में किया था एलान

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जावड़ेकर ने कहा कहा कि इस बदलाव से वित्तीय स्थिरता मजबूत होगी. इसके तहत सहकारी बैंकों के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) की नियुक्ति के लिये पात्रता तय होगी और वाणिज्यिक बैंकों की तरह नियुक्ति से पहले आरबीआई की मंजूरी ली जाएगी. जावड़ेकर ने कहा कि सहकारी बैंकों के ऑडिट का काम आरबीआई के दिशानिर्देश के तहत होगा और अगर कोई सहकारी बैंक दबाव में आता है तो केंद्रीय बैंक उसके निदेशक मंडल को हटाकर दूसरा निदेशक मंडल नियुक्त कर सकता है.

उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक को आरबीआई के दिशानिर्देश के चरणबद्ध तरीके से अनुपालन के लिये समय दिया जाएगा. मंत्रिमंडल की मंजूरी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के शनिवार को घोषित प्रस्तावों के अनुरूप है. उन्होंने बजट में कहा था कि सहकारी बैंकों को मजबूत करने के लिये बैंक नियमन कानून में संशोधन करने का प्रस्ताव है.

इसका उद्देश्य आरबीआई के जरिये मजबूत बैंकों के लिये पेशेवर रुख को बढ़ावा देना, पूंजी तक पहुंच बढ़ाना और संचालन एवं निगरानी में सुधार लाना है. जावड़ेकर ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर यह दूसरा महत्वपूर्ण उपाय है जिसे सरकार ने जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा के लिये उठाया है.

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जमाकर्ताओं के लिये बीमा कवर बढ़ाने का भी हुआ था एलान

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में जमाकर्ताओं के लिये बीमा कवर 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव किया है. उन्होंने कहा कि वे इस सदन को सूचित करना चाहती हैं कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की स्थिति की निगरानी के लिये बेहतर प्रणाली स्थापित है और उनके जमाकर्तओं की राशि सुरक्षित है. सीतारमण ने 2020- 21 के बजट में कहा कि इसके अलावा, जमा बीमा और रिण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) को बैंकों के ग्राहकों की जमा पर बीमा कवरेज को एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की अनुमति दे दी गई है.

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