/financial-express-hindi/media/post_banners/O7LsZfHyN2Obt3VlO0Xy.jpg)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 6 लाख करोड़ रुपये की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) का एलान किया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को 6 लाख करोड़ रुपये की नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) का एलान किया है. इसका मकसद इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स को मोनेटाइज करना है, जिसमें ऊर्जा से लेकर सड़क और रेलवे सेक्टर शामिल हैं. उन्होंने कहा कि एसेट मोनेटाइजेशन में भूमि को बेचना शामिल नहीं है और यह ब्राउनफील्ड एसेट्स को मोनेटाइज करने को लेकर है. सभी सेक्टर्स में प्रोजेक्ट्स की पहचान की गई थी, जिसमें सड़कें, रेलवे और ऊर्जा सबसे अहम हैं.
संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के पास रहेगा: सीतारमण
सीतारमण ने कहा कि NMP में वित्त वर्ष 2022 से 2025 के बीच चार साल की अवधि में केंद्र सरकार की संपत्तियों के जरिए 6 लाख करोड़ रुपये के कुल मोनेटाइजेशन का अनुमान लगाया गया है. उन्होंने आगे कहा कि संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के पास रहेगा. उन्होंने कहा कि एसेट मोनेटाइजेशन से संसाधन अनलॉक होंगे और इससे वैल्यू अनलॉकिंग की ओर बढ़ेंगे. केंद्रीय बजट 2021-22 में लंबी अवधि के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंसिंग के लिए पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स के मोनेटाइजेशन को मुख्य जरिया कहा गया है.
इसके लिए बजट में संभावित ब्राउनफील्ड इंफ्रास्ट्रक्चर इसेट्स की एक नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन को तैयार करने की बात कही गई थी. नीति आयोग ने इंफ्रा संबंधित मंत्रालयों के साथ परामर्श से NMP पर रिपोर्ट को तैयार किया है.
NMP के तहत चार साल की अवधि में कुल एसेट पाइपलाइन की वैल्यू 6 लाख करोड़ रुपये है. अनुमानित वैल्यू नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के तहत केंद्र के लिए प्रस्तावित लागत (43 लाख करोड़ रुपये) का 14 फीसदी है.
सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस योजना का मुख्य लक्ष्य मोनेटाइजेशन के जरिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में मदद करना है, जिसमें पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर मिलकर काम करें, जिससे देश के नागरिकों को सामाजिक-आर्थिक विकास और बेहतर गुणवत्ता वाला जीवन मिले.
(Input: PTI)